म.प्र. में नए लहसुन का 70 बोरी का ढेर 4800 रू. में बिका, प्रदेश की मंडियों में नई ऊंटी लहसुन 3000 से 10000 तक रहने की चर्चा

रतलाम 01 जनवरी 2021 (मोतीलाल बाफना)। मध्यप्रदेश में नई लहसुन की आवक शुरू होने के बाद आज 01 जनवरी 2021 को मंदसौर की लहसुन मंडी में नए देशी लहसुन के एक ढेर जो कि 70 बोरी के लगभग था वह 4800 रू. के आसपास बिकने की चर्चा है। वैसे प्रदेश की कुछ मंडियों में देशी नया लहसुन और कुछ में देशी और ऊंटी लहसुन नया भी आज आया जिसमें देशी लहसुन 3000 से 6000 तक जनरल भाव रहने की चर्चा वहीं ऊंटी लहसुन दलौदा में 5000 से 10000 रू. प्रति क्विंटल समाचार लिखे जाने तक बिका। उक्त जानकारी क्षैत्रीय व्यापारियों से प्राप्त हुई । आज दलौदा में लगभग ऊंटी और देशी नया लहसुन मिलाकर 1500 बोरी के लगभग आने की चर्चा है । प्रदेश की अन्य मंडियों में रतलाम, मंदसौर, इंदौर, नीमच, पिपल्यामंडी सहित कई मंडियों में नया लहसुन थोड़ा-थोड़ा आने की चर्चा है । माल नया लहसुन कहीं-कहीं पर एक-दो लाट अच्छे सुखे टाईप भी आने की चर्चा बाकी स्थानों पर गिले और छोटे-बड़े मिक्स माल आए जो क्वालिटी अनुसार कहीं-कहीं पर एक-दो लाट 2000 से 3000 तक हल्के माल भी नए माल के बिकने की चर्चा है । पुरानी लहसुन में मध्यप्रदेश में वर्ष 2020 के अंतिम सप्ताह में लहसुन में 500 रू. से 1500 रू. प्रति क्विंटल तक की क्वालिटी अनुसार कुछ मालों में तेजी देखी गई । लेकिन बिक्री सेंटरो पर बाजार उस मान से तेजी पर नहीं आने के कारण व्यापारी वर्ग सोच समझ कर व्यापार कर रहा है । लेकिन अचानक 500 से 1500 रू. प्रति क्विंटल की तेजी 3 से 4 दिनों में बनना एक चर्चा का विषय रहा है जबकि कुछ दिनों बाद इस वर्ष 2021 जनवरी माह में नए लहसुन की आवक ऊंटी और देशी लहसुन की बड़ सकती है ऐसी संभावना उत्पादक कृषक और व्यापारियों ने बाजार के भाव से चर्चा में बताई है । पुराने लहसुन में म.प्र. और राजस्थान में दीपावली के बाद से ही लम्बी तेजी-मंदी का दौर चल रहा है जो एक चर्चा का विषय है लेकिन हम उन पर चर्चा नहीं करना चाहते है । क्योंकि लहसुन के बाजार में एक तेजी और एक मंदी वाला दोनों पक्ष हमेशा तैयार रहते है । जिसको परेशानी होती है वह आपस में चर्चा भी करता हुआ देखा गया है। इस वर्ष नई लहसुन की फसल उत्पादन को लेकर भी म.प्र. और राजस्थान में कुछ लोग चर्चा कर रहे है जो कि अभी फसलों की वस्तुस्थिति पुरी तरह जानकारी नहीं आ रही है । क्योंकि बरसात, ठंड कम ज्यादा होने पर फसलों पर इसका क्या प्रभाव रहेगा यह तो पुरी जानकारी नई फसलें पुरी तरह प्रारम्भ होने का बाद ही ज्ञात हो सकती है। वैसे मध्यप्रदेश और राजस्थान आदि कुछ राज्यों में लहसुन की बुआई अधिक होने की चर्चा कई दिनों से हमारे पास जानकारी में आ रही है हम उस आधार पर ही तत्कालीक परिस्थिति के अनुसार समाचार लिखते है । परन्तु कुछ लोग द्वार किस कारण से हमें गलत बताने का प्रयास किया जाता है यह तो वहीं जाने ? हम इस विवाद नहीं पडऩा चाहते है ? हमारे पास जो जानकारी प्राप्त होती है या सूत्रों से जानकारी मिलती है उस आधार पर हम देश के हमारे शुभचिंतक एवं लहसुन व्यापार से जुड़े व्यापारियों को सही-सही जानकारी देने का प्रयास करते है । हमारा तो एक ही उद्देश्य है कि लहसुन का व्यापार पुरे देश में बढ़े और प्रत्येक राज्य का उत्पादक कृषक को उसकी उपज का उचित मूल्य मिल सकें और उसका नगद भुगतान भी समय पर हो जाए और किसी भी व्यापारी के साथ कोई माल मंगाकर धोखाधड़ी ना करें और अगर कोई व्यापारी धोखाधड़ी करता है पूरे मामले की पूर्ण जानकारी लेकर व्यापार जगत को संचेत करने का प्रयास किया जात है । फरवरी-मार्च माह तक पुराने लहसुन की देश में मांग बनी रहेगी, नया लहसुन आने पर कुछ स्थानों पर नए लहसुन की डिमांड निकलने की संभावना है ।