रिश्वत लेने वाले के आरोप में निरीक्षक एवं सहयोगी आरक्षक को 04-04 वर्ष का कारावास

रतलाम। न्यायालय श्रीमान् राजेन्द्र कुमार दक्षणि विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) रतलाम जिला रतलाम म.प्र. द्वारा रिश्वत के आरोप में नरेन्द्र गोमे पिता बाबूलाल गोमे उम्र 40 वर्ष निवासी महावीर नगर मक्सी
रोड उज्जैन एवं रमेश पिता मानसिंह सुलिया उम्र 28 वर्ष निवासी पानीगांव थाना कांटाफोड जिला देवास को 04-04 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। उक्त मामले की पैरवी श्री सुशील कुमार जैन उपसंचालक (अभियोजन), जिला रतलाम द्वारा की गयी है।
घटना का संक्षिप्त विवरण
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवीकर्ता श्री सुशील कुमार जैन उपसंचालक अभियोजन जिला रतलाम ने बताया कि दिनांक 13.02.2015 आवेदक छगनलाल पिता रामलाल ब्रहाम्ण निवासी ग्राम इटावा माताजी थाना बिलपांक द्वारा पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त को यह शिकायत की थी कि उसके लडके सतीश के विरूद्ध थाना पिपलौदा मेें दर्ज अपराध में तत्कालीन विवचेक थाना प्रभारी नरेन्द्र गोमे द्वारा उस प्रकरण में खात्मा करने एवं लडकी की बयान लेखकर थाने पर सुपुर्द करने के लिए 10,000/- रूपए रिश्वत की मांग की गई थी।
उक्त शिकायत पर से लोकायुक्त द्वारा मामला पंजीबद्ध कर दिनांक 18.02.2015 मय ट्रेपदल व फरियादी थाना पिपलौदा पहुॅचे। जहाॅ पर आवेदक छगनलाल द्वारा फिनाफ्थीलीन पाउडर लगे 10,000/- रूपए 500-500 रूपए के 20 नोट रिश्वत की राशि लेकर थाने के अन्दर तत्कालीन निरीक्षक नरेन्द्र गोमे के कक्ष में उससे मिला व नरेन्द्र गोमें के कहने पर रिश्वत की राशि उनकी टेबल पर रखी फाईल के अन्दर रख दिए तब आरक्षक रमेश सुलिया ने निरीक्षक नरेन्द्र गोमे कहने पर उक्त रिश्वत की राशि 10,000/- रूपयों को फाईल में से उठाकर थाने के पीछे चला गया। लोकायुक्त दल द्वारा दबिश देकर निरीक्षक नरेन्द्र गोमे व आरक्षक रमेश सुलिया को पकडकर रिश्वत की राशि कुल 10,000/- रूपए रमेश सुलिया के निशादेही से थाने के पीछे खेत में पेड के नीचे झाडियों में से अखबार में लपेटे हुऐ बरामद किए। आरक्षक के हाथ धुलवाने पर घोल का रंग गुलाबी हो गया था। रिश्वत की राशि को जप्त कर आरोपीगणों को गिरफ्तार किया गया।
प्रकरण में आवश्यक अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र दोनो आरोपीगणों के विरूद्ध धारा 7,13(1)डी,13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 एवं 120बी व 201 भादवि में विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। विचारण उपरांत माननीय विशेष न्यायालय द्वारा अपने निर्णय दिनांक 20.01.2021 को दोनो आरोपीगणों को दोषसिद्ध पाते हुऐ आरोपी निरीक्षक नरेन्द्र गोमे को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2) में 04 वर्ष सश्रम कारावास व 3,000/- रूपए अर्थदण्ड एवं 120बी भादवि में 01 वर्ष सश्रम कारावास व 3,000/- रूपए अर्थदण्ड एवं सहआरोपी आरक्षक रमेश सुलिया को 120बी भादवि में 04 वर्ष सश्रम कारावास व 3,000/- रूपए अर्थदण्ड एवं 201 भादवि में 01 वर्ष व 1,000/- अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।