सुफी संत रईस अहमसुफी संत रईस अहमद खान सा. चिश्ती क़ादरी नियांजी खानकाह गरीब नवाज़ का इंतकाल हुआ

जावरा (अभय सुराणा) । अज़ीम बुजूग हस्ती हजरत सुफी संत रईस अहमद खान साहब चिश्ती क़ादरी नियांजी खानकाह गरीब नवाज़ (रतलाम) का इंतकाल 28 जनवरी को सुबह हो गया । उक्त जानकारी सीरत कमेटी प्रवक्ता आसिफ अनवर जावेद पापुलर ने देते हुए बताया आप बचपन से 8 वर्ष की उम्र से फकीरी लेकर यादे अल्लाह मे लगे थे आपके तीन पुत्र 1 पुत्री भरा पुरा परिवार होने के बावजूद आप लोगों की खिदमत करते जिससे लोगों को शिफा होती थी। आपने रतलाम शहर अशिकाने ख्वाज़ा गरीब नवाज़ के लिए बहुत बड़ी खानकाह का निर्माण कराया व हर साल बहुत बड़ा कव्वाली का आयोजन व लंगर करते थे । आप को आपने पीर से बहुत मोहब्बत करते थे आपके पीर का मज़ार सरकार ख्वाज़ा अबुसईद कब्रिस्तान में निर्माण करवाया आप की वसीयत के मुताबिक दिनांक 29दिसम्बर शुक्रवार को सुबह 9बजे आप जनाजा रतलाम से उठकर सरकार ख्वाज़ा अबुसईद कब्रिस्तान में सुपुर्द खाक किया गया जिसमें मालवा अंचल कई सुफी संतों ने शिरकत की आपकी नमाज़े जनाजा मंदसौर के प्रसिद्ध सुफी संत मियांजी सरकार ने अदा करवाई।