रतलाम । दिल्ली मुंबई जैसे महानगरों के बीचोबीच पश्चिमी मध्य प्रदेश में स्थित रत्नपुरी रतलाम सिर्फ एक शहर नहीं है एक नगर नहीं है अपितु प्रतिभाओं और गुणवत्ता का एक प्रमुख केंद्र रहा है यहां सिर्फ सेव साड़ी या सोना ही नहीं जग प्रसिद्ध है अपितु शहर ने कई प्रतिभाओं को चमक प्रदान की है यहां की मिट्टी सोना उगलती है तो कला और खेलों के क्षेत्र में कई सितारों ने अपनी चमक से इस शहर को गौरवान्वित किया है साहित्य के क्षेत्र में अपनी शब्द रचनाओं से इस शहर का बौद्धिक ज्ञान भी पूरे हिंदुस्तान में स्वीकार किया है यही शहर की खूबी है यही विशेषता है 370 सालों में शहर ने विकास के कई आयाम स्थापित किए हैं तो कई उपलब्धियों के लिए वंचित रहा है राजनीतिक सांस्कृतिक और सामाजिक इन क्षेत्रों में जरूर प्रगति की है औद्योगिकरण भी समय-समय पर हुआ है लेकिन अनवरत जारी नहीं रह सका शायद यह यहां के बेरोजगारों का दुर्भाग्य रहा है सज्जन मिल, सज्जन केमिकल, जयंत विटामिंस लिमिटेड, अलकोल प्लांट मोहता और माडेला इस्पात जैसे प्रमुख उद्योग बंद हो चुके हैं यही शहर वासियों की दुखती रग है खैर इन विषमताओं के बावजूद शहर ने अपनी पहचान प्रदेश और देश में स्थापित की है यही हमारे लिए बड़े गर्व की बात है । रत्नपुरी के अनमोल रत्नों ने शहर का गौरव बढ़ाया है । उपरोक्त विचार मंथन शिक्षक सांस्कृतिक संगठन द्वारा रतलाम स्थापना दिवस वसंत पंचमी के अवसर पर आयोजित रतलाम गौरव गाथा ऑनलाइन परिचर्चा में शहर के बुद्धिजीवियों पत्रकार एवं खेल जगत के प्रमुख विद्वानों ने व्यक्त किए ।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. मुरलीधर चांदनी वाला ने कहा कि कि हमारा शहर केवल कचोरी समोसे यह सेव साड़ी के लिए ही नहीं जाना जाता है अपितु कई प्रतिभाओं ने विभिन्न क्षेत्रों में इस शहर को पहचान प्रदान की है विशेषकर साहित्य और आध्यात्म में रतलाम शहर अन्य शहरों की तुलना में बहुत आगे रहा है जहां राष्ट्र कवि प्रदीप प्राण वल्लभ गुप्त डॉ जयकुमार जलज अजहर हाशमी देवव्रत जोशी जैसे उच्च कोटि के साहित्य मनीषियों की कर्मभूमि के रूप में रतलाम को जानते हैं वही अध्यात्म और सनातन सत्यता के प्रवर्तक परम पूज्य नित्यानंद जी बावजी के आश्रम से प्राप्त सद्गुणों को भी हमारे जीवन का प्रमुख आधार मानते हैं रतलाम शहर के लोगों को ऐसे सात्विक गुणों से सराबोर करने में साहित्य मनीषियों तथा समाजसेवियों का प्रमुख योगदान रहा है राजनीतिक और आर्थिक रूप से मजबूत केंद्र होने के बावजूद शहर ने वह स्थान अर्जित नहीं किया जिसका वह अधिकारी है अन्य विकसित शहरों की तुलना में हमें अभी और आगे बढऩा है स्मार्ट और मेट्रो की रेस में हम आ सकते हैं इसके लिए दृढ़ इच्छाशक्ति का होना जरूरी है ।
पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. सुलोचना शर्मा ने कहा कि हमें गर्व होता है कि शिक्षा के क्षेत्र में शहर को अब जाकर सुविधाओं लाभ हुआ है चिकित्सा के क्षेत्र में तो विशेष उपलब्धि मेडिकल कॉलेज के रूप में मिली है यह हमारे शहर को सबसे बड़ी सौगात है जो वर्षों तक हमें गर्व महसूस कर आएगी ।
उत्कृष्ट के प्राचार्य सुभाष कुमावत ने कह ाकि वैसे तो रतलाम अपनी भौगोलिक स्थिति के लिए भी पूरे देश में प्रसिद्ध है यहां की आबोहवा शुद्ध स्वस्थ और विचारशील रही है कर्मशील परिश्रमी लोग हैं निवास करते हैं जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपने पुरुषार्थ से प्रतिष्ठा प्राप्त की है यही हमारे शहर का गौरवशाली इतिहास है शिक्षा संस्कृति समाज सेवा खेल ऐसे क्षेत्र हैं जहां हम अन्य शहरों की तुलना में बहुत आगे रहे थे रतलामी होने पर गर्व है ।
विषय प्रवर्तन प्रस्तुत करते हुए संस्था अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने कहा कि मालवा की माटी से महकता हुआ हमारा शहर रतलाम विविधताओं से भरा पड़ा है व्यापार खेल उद्योग सांस्कृतिक और साहित्य के क्षेत्र में काफी उन्नति की है शहर वासियों ने कई संवेदनशील अवसरों पर शांति और सद्भावना का परिचय दिया है प्रेम सद्भावना इस शहर की मूल संस्कृति है और विकास के लिए हमेशा अपने दोनों हाथ फैलाकर तैयार रहता है यही शहर का सबसे बड़ा आकर्षण है ।
सचिव दिलीप वर्मा ने कहा कि रतलाम की पहचान सिर्फ व्यापार जगत में ही नहीं अपितु कला एवं खेलों के क्षेत्र में भी पूरे देश में बनी है यहां के खिलाडिय़ों ने शहर को गौरवान्वित करने में कोई कसर बाकी नहीं रखी शहर का वातावरण और अबोहवा सदैव लोगों को राहत आती है यहां का खानपान और पानी की तासीर यहां नमकीन और मिष्ठान के लिए काफी लाभदायक रही है ।
जिला क्रीड़ा अधिकारी श्री आरसी तिवारी ने कहा कि हमारा शहर यूं तो विकसित शहरों में गिना जाता है खेलों की दृष्टि से यहां काफी संभावना है विद्यमान है खास करके फुटबॉल कुश्ती और जिमनास्टिक में रतलाम का नाम पूरे देश भर में सम्मान से लिया जाता है यहां के लोग खेलों के प्रति सदैव गंभीर और चिंतनशील रहे हैं स्कूल स्तर पर यहां काफी बच्चे राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभाएं दिखाते रहे हैं लेकिन महाविद्यालय स्तर पर वह बात नहीं बन पाई जिसकी वजह से राष्ट्रीय स्तर पर रतलाम को अच्छे खिलाड़ी कम मिल पाए ।
पूर्व अध्यक्ष कृष्णचंद्र ठाकुर ने कहा कि कई क्षेत्रों में नई उपलब्धि हासिल की है खासकर शिक्षा के क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज जेसी उपलब्धि वर्षों के संघर्ष के बाद प्राप्त हुई है रतलाम वासियों का सर गर्व से ऊंचा हो जाता है पूर्व अध्यक्ष राधेश्याम तावड़े ने कहा कि हमारे शहर की स्थापना महाराजा रतन सिंह ने की थी तब शहर बिल्कुल गांव के तरह था लेकिन आज दृश्य पूरा बदल गया है इसके विकास में सभी लोगों ने समान रूप से योगदान दिया है व्यापारी शिक्षक राजनेता सभी ने इसमें हिस्सा लिया है। ।रमेश उपाध्याय ने कहा कि यहां के नेताओं ने शहर के विकास में रुचि नहीं ली अन्यथा यह शहर इंदौर जैसे महानगर की श्रेणी में आता । भारती उपाध्याय ने कहा कि वैसे तो शहर का नाम कई क्षेत्रों में प्रसिद्ध हुआ है लेकिन यहां का सांस्कृतिक और सामाजिक क्षेत्र मैं कई संस्थाओं ने पूरे देश में गौरव बढ़ाया है विशेषकर सेवा के क्षेत्र मैं । वरिष्ठ सेवानिवृत्त शिक्षक चंद्रकांत वाफगांवकर ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में इस शहर ने कई आयाम स्थापित किए हैं बहुउद्देशीय माणक चौक स्कूल में कई प्रतिभाओं ने अध्ययन कर पूरे देश में नाम रोशन किया है कवि प्रदीप इसकी मिसाल है । शिक्षक देवेंद्र वाघेला ने कहा कि शहर में कई ऐतिहासिक इमारतें हैं यहां का महल वाडा कालिका माता मंदिर जेवीएल मंदिर महालक्ष्मी मंदिर इस शहर की पहचान को बढ़ाने के लिए पर्याप्त है शहर का गौरवशाली इतिहास इनके बिना अधूरा है ।
कवि श्याम सुंदर भाटी ने कहा कि रतलाम की मिट्टी के कवि प्राण वल्लभ गुप्त की यह पंक्तियां सार्थक है कि यह मेरा रतलाम जिसका श्रीलंका तक है नाम चरितार्थ होती है शहर ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है । दशरथ जोशी ने कहा कि हमें रतलाम वासी होने पर बड़ा गर्व महसूस होता है यहां के लोग आदर सत्कार में सदैव अग्रणी रहते हैं भावुकता यहां के शहर वासियों की प्रमुख पहचान है
एलआईसी एंप्लाइज यूनियन के नेता श्री प्रियेश शर्मा ने कहा कि हमारा शहर कर्मचारी और मजदूर वर्ग के हितों के लिए सदैव अग्रणी रहा है यहां की जनता ने इस वर्ग के लिए सदैव सहयोग प्रदान किया है । लायंस क्लब की झोन चेयर पर्सन वीणा छाजेड़ ने कहा कि शहर में निरंतर प्रगति की है पश्चिम रेलवे का प्रमुख जंक्शन होने के कारण अभी बहुत आगे बढ़ा जा सकता है कई संभावनाएं शहर के विकास को लेकर है खासकर औद्योगिक और आईटी के क्षेत्र में । परिचर्चा में गोपाल जोशी रमेश चंद परमार नरेंद्र सिंह राठौड़ राजेंद्र सिंह राठौड़ मिथिलेश मिश्रा आरती त्रिवेदी रक्षा के कुमार कविता सक्सेना मदनलाल मेहरा मनोहर प्रजापति अनिल जोशी आदि उपस्थित थे संचालन दिलीप वर्मा तथा आभार दिनेश शर्मा ने व्यक्त किया ।