आज म.प्र. की मंडियों में एवं राज. में नई लहसुन की बाजार भाव घटे, म.प्र. में 1500 से 4500 रु. तक एवं ऊपर में 5000 रु. के आसपास, ऊंटी 3200 से 7500 रु. के आसपास

रतलाम 3 मार्च 2021 (मोतीलाल बाफना)। आज और चालू सप्ताह में नया लहसुन की आवक अच्छी रहने के कारण व देशभर में बिक्री सेंटरो पर म.प्र. के व्यापारियों और कुछ सेंटरो पर किसानों का माल भी बिक्री हेतु सीधा पहुंचने के कारण लहसुन के भावों में इस सप्ताह में शुरू से ही लहसुन बाजार के अन्दर बाजार चालें ढिली हो गई एवं लहसुन की जनरल भाव क्वालिटी अनुसार 2000 से 4500 तक जनरल एवं सुपर मोटा माल ऊपर में 5200 रू. के आसपास भी कहीं-कहीं पर माल बिक्री हो रहा है । बारिक भूंगी एवरेज माल क्वालिटी अनुसार 1000 से 1500 रू. प्रति क्विंटल मानी जा रही है। माल अभी भी गिला ही ज्यादा आ रहा है सूखे माल की 15 दिन बाद ही आवक आना प्रारम्भ हो सकती है ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है । वैसे हर साल राजस्थान का नया लहसुन देरी से प्रारम्भ होता है और इस वर्ष होली के 20 से 25 दिन पूर्व ही शुरू हो गया । राजस्थान के कोटा (सब्जी मंडी एवं भामाशाह अनाज मंडी) दोनो मंडी में मिलाकर 2000 से 2500 बोरी आने की संभावना जताई गई है। नया ऊंटी लहसुन छिपाबड़ौद में 13 से 15 हजार बोरी के आसपास आना प्रारम्भ हो गया है । वहां पर भी नया ऊंटी लहसुन 3000 से 6000 तक जनरल भाव व मोटा सुपर माल 2-3 लाट 7000 से 8000 रू. प्रति क्विटंल के आसपास बिक्री होने की चर्चा है। म. प्र. में इस सप्ताह में देशी लहसुन में क्वालिटी मुताबिक गिली व सुखे मालों में 500 से 1000 रू. प्रति क्विंटल की बाजार चालें ढिली देखने को मिली ऐसी चर्चा है। माल गिला होने की वजह से गर्मी को देखते हुए 4-5 दिन तक पैकिंग रहने पर काला पडऩे का भी डर सताने लग गया है । क्योंकि कुछ स्थानों पर नया गीला माल पहुंचते-पहुंचते माल काला पडऩे की जानकारी भी सूत्रों से मिली है । काले लहसुन की वजह से बाजार चालें भी ढिली हो गई है बिक्री सेंटरो पर भी लहसुन केभावों में 500 से 1000 रू. प्रति क्विंटल की मदी बताई जा रही है । म.प्र. में किसानों का माल गुजरात और महाराष्ट्र की मंडियों में जिसमें से कुछ सब्जियाँ मंडी भी है वहां पर 2000 से 5000 रू. प्रति क्विंटल तक बिकने की चर्चा है। जिसमें ट्रक भाड़ा, वजन घटती एवं कुछ स्थानों पर कमीशन भी लगता है ऐसी चर्चा है । इंदौर सहित म.प्र. के कई जिलों के किसान अपना माल सीधा लेकर आड़तियों की दुकानों पर कमीशन बिक्री पर माल बिकवा रहे है और वहां पर उनका माल उत्पादन क्षैत्रों की म.प्र., राज. की उत्पादन क्षैत्रों की मंडियों में जो लहसुन के भाव चल रहे है उस भाव के आसपास उनका माल भी बिकता है जिससे व्यापारियों को नुकसान होने की चर्चा है । क्योंकि व्यापारी जो माल खरीदकर आदि खर्च लगाकर माल बेचता है वह माल किसानों के भावों पर माल बिकने से व्यापारियों के समक्ष व्यापार करने का संकट खड़ा हो जाता है । वैसे होली तक गिले लहसुन जो नया आ रहा है । खेतों में काटकर किसान मंडी में बेचकर अपनी पुंजी एकत्रित करेगा जिसके कारण आवक अच्छी रह सकती है । माल सुखा कर लाकर बेचेगा ऐसी भी चर्चा है। होली तक कोटा (भामाशाह एवं अनाज मंडी), बांरा, बकानी, बेगु, खानपुर आदि आसपास की छोटी-बड़ी मंडियों में नया लहसुन की आवकें बडऩे पर मंडी नियमित प्रारम्भ हो जाएगी जिससे गिले लहसुन के कारण वहां का भाव कम होने से म.प्र. की लहसुन उत्पादक मंडियों पर इसका असर पड़ सकता है ऐसी चर्चा है। एक चर्चा के मुताबिक गुजरात में भी लोकल लहसुन अच्छी बताई जा रही है लेकिन वहां का माल अप्रैल, मई माह में आ सकता है। उसके बाद उ.प्र., हिमाचल, पंजाब, हरियाणा सहित कुछ अन्य राज्यों का नया लहसुन प्रारम्भ होने जा रहा है। सुखा लहसुन होने पर ही लहसुन के भाव सुधरेंगे ऐसी संभावना जताई जा रही है लेकिन म.प्र. की मंडियों में आवक कम ज्यादा होने पर तेजी-मंदी का माहौल अभी अप्रैल माह तक रहने की संभावना है। देश की मुख्य लहसुन बिक्री मंडी उप्र, बिहार, बंगाल, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गोहाटी, जोधपुर, जयपुर, बीकानेर, श्रीगंगानगर, गोधरा, दाहोद, वड़ोदरा, अहमदाबाद, सूरत, मुम्बई, पुना, बैंगलौर, वडूगापट्टी, कोयम्बटूर, कटक, भुवनेश्वर, भ्रदक, जाजपुरटाऊन, संभलपुर, राहुलकेला, बरगड़, भारीपदा, सैलम, मदुराई, मद्रास, त्रिची, कूम्भाकोड़म, नैल्लूर, हैदराबाद, ताड़ेपल्लीगुडम, विजयवाड़ा, विशाखापट्टम, राजामहेन्द्री, समस्तीपुर, गया, मुजफ्फपुर, गोरखपुर, पटना, लखनऊ, कानपुर, बनारस, ईलाहाबाद (प्रयागराज), अमृतसर, लुधियाना, जालंधर, करनाल, गुडग़ांवा, केरला के त्रिशूर, पालघाट, कालीकट, कोचीन आदि प्रमुख मंडी एवं सेंटरों पर लहसन की बिक्री अनुसार नया देशी एवं गिले तथा सूखे वर्तमान में मांग अनुसार क्वालिटी मुताबिक लहसुन देशी नया लहसुन ट्रक भाड़े, कमीशन आदि खर्च अनुसार 2500 से 5500 तक एवं ऊपर पैकिंग अनुसार 7000 रू. प्रति क्विंटल तक बिकने की चर्चा है । नया ऊंटी लहसुन, क्वालिटी अनुसार गिला व सूखा अनुसार ट्रक भाड़ा आदि खर्च अनुसार 5000 से 10000 रू. प्रति क्विटंल बिक्री होने की चर्चा है । सुखे माल होने के बाद मीडियम व बड़े मालों में विदेशों में डिमांड निकलने पर एक्सपोर्ट निकलने की संभावना है । कम भावों में एक्सपोर्ट निकल सकता है ऐसी भी संभावना जताई जा रही है ।