श्रीमद् भागवत कथा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया

भगवान का नाम हमें संसार के समस्त पापों से बचाकर हमारी रक्षा करता है-दिव्येशराम जी महाराज

रतलाम । श्री कालिकामाता मंदिर सभागृह पर श्री रामस्नेही भक्त मण्डल के तत्वावधान में चल रही सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के चोथे दिन बुधवार को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव हर्ष उल्लास के साथ बड़ी धूमधाम से मनाया गया। पाण्डाल को गुब्बारों व फल फूलों सजाया गया। पाण्डाल में जैसे ही नन्दबाबा टोकरी में बाल श्रीकृष्ण को उठाए प्रवेश किया। श्रीकृष्ण के जयकारों और नन्द के आनंद भयो जे कन्हैया लाल की भजनों पर महिलाएं व पुरूष झुमने लगे। हर कौई बालक कृष्ण को उठाने और दर्शन करने के लिए आतुर होने लगा। खुशीयां मनाने के साथ माखन मिश्री का प्रसाद बांटा गया।
कथा वाचक युवा रामस्नेही संत श्री दिव्येशराम जी महाराज ने धर्मसभा में कहा कि केवल भगवान का नाम ही हमें संसार के समस्त पापों से बचाकर हमारी रक्षा कर सकता है। संकट के समय भगवद नाम का स्मरण परम आश्रय है। लेकिन भगवान के नाम के प्रति अनन्य विश्वास एवं श्रद्धा भाव का होना अति आवश्यक है। यदि प्रेम से पुकार कर भगवान को बुलाया जाए तो वह हाथी जैसे पशु का भी उद्धार कर देते है। भगवान का यह वचन है कि जहां उनके भक्त विशुद्ध चित्त से उनका स्मरण करते हैं। वहां भक्त का उद्घार करने जरूर आते है।
उन्होने कहा कि व्यक्ति को तीन कार्यो में सदा संतोष करना चाहिए। पहला जिस स्त्री से विवाह हुआ उसे के साथ खुशी से गृहस्थ जीवन का निर्वाह करना श्रैष्ठ है। मनुष्य को रूखा सुखा भी भोजन मिले उसे भगवान को भोग लगाकर प्रसाद समझकर ग्रहण करना चाहिए। तीसरा भगवान ने जो संपदा हमें दी उसी में संतोष करना चाहिए। जीवन में दान, अध्ययन और भजन इन तीन कामों में कभी संतोष नही करना चाहिए।
पूज्य गुरूदेव श्री शंभूराम जी महाराज के सानिध्य में चल रही इसकथा में श्रद्घालुजनों को सेनेटाईजर से हाथ धुलवाकर मास्क का वितरण किया जा रहा है।
पोथी पूजन, संत सम्मान एवं महाआरती मुख्य यजमान सुशीलादेवी खण्डेलवाल, मंजु-धीरज खण्डेलवाल, नीरज खण्डेलवाल, विशाल खण्डेलवाल, महेश सोनी, रामेश्वर सोनी, कांतिलाल कुमावत सहित बड़ी संख्या में उपस्थित धर्मालुजनों द्वारा की गई।