जनरल मार्केट क्वालिटी अनुसार भाव 2500 से 9000 तक
रतलाम 18 जून 2021 (मोतीलाल बाफना)। लाकडाऊन के बाद मध्यप्रदेश की प्राय: छोटी-बड़ी मंडियाँ प्रारम्भ हो गई है । मध्यप्रदेश लहसुन बिक्री मंडी छिंदवाड़ा (नागपुर) नीमच, पिपल्यामंडी, मंदसौर, दलौदा, जावरा, सैलाना, उज्जैन, इंदौर, बदनावर, बडनग़र, पिपलौदा, बड़ावदा, सिहोर, नरसिंहगढ़, व्यावरा, शाजापुर, काला पिपल,सारंगपुर, सुजालपुर, आष्टा भोपाल आदि अधिकतर मंडियों में किसानी माल ट्रेक्टर ट्राली में नीलामी होती है और एवरेज हल्के माल 3500 से 5500 तक जनरल भाव, बड़े माल 5500 से 8000 तक और ऊपर में कहीं-कहीं पर 9000 तक अधिकतर बिकने की चर्चा है । एवरेज कली फूट टाईप माल 2000 से 3500 तक रहने की चर्चा है । वर्तमान में कुछ मंडियों में बेस्ट सुपर माल बहुत कम मात्रा में आ रहा है जो दो-चार लाट 9000 से 10000 तक भी बिकने की चर्चा है । ऊंटी माल क्वालिटी अनुसार भाव पर बिकने की चर्चा है । राजस्थान की लहसुन मंडी कोटा (भामाशाह अनाज मंडी एवं सब्जी मंडी), बांरा, छिपाबड़ोद, प्रतापगढ़, छोटी सादड़ी, छाबड़ा, खानपुर, झालावाड़, निम्बाहेडा आदि छोटी-बड़ी मंडियों के प्रारम्भ होने की जानकारी प्राप्त हुई है । राजस्थान में कोटा (भामाशाह अनाज मंडी एवं सब्जी मंडी), बांरा, छिपाबड़ौद आदि कुछ मंडियों में आवकें अच्छी रहने की चर्चा है । माल क्वालिटी अनुसार लाट्ररी टाईप हल्का माल 2000 से 2500 के बीच, एवरेज माल छोटे बडे क्वालिटी अनुसार 4000 से 5500 तक और कुछ मंडियों में सुपर बंद पड़दे वाला बड़ा माल 8000 से 9000 तक क्वालिटी अनुसार बिकने की चर्चा है । लेकिन अभी कुछ व्यापारियों का बाहर बिक्री पर गया माल का पैसा फंसने की भी चर्चा है कुछ स्थानों पर माल बिक चुका है फिर भी व्यापारियों का पैसा उन्हें मिला है ऐसी व्यापारी क्षैत्र में चर्चा है । कुछ व्यापारियों का माल बिकने के बाद भी आड़त करने वाले आड़तियें माल का पैसा 3-4 माह से नहीं भेज रहे है जिसकी भी व्यापक चर्चा है । लहसुन व्यापार में विगत 2-3 वर्षो से लहसुन के बाजार ऊंचे रहने के कारण लहसुन की गाड़ी की किमत ज्यादा बैठती है और व्यापारियों को आर्थिक समस्या भी रूबरू होना पड़ता है ऐसी चर्चा है । लाकडाऊन के बाद अधिकांश प्रदेश की लहसुन बिक्री मंडियों में व्यापारियों को पैसे की तंगाई का सामना करना पड़ रहा है । जिसके कारण व्यापार व्यवसाय भी कमजोर चल रहा है कहीं-कहीं तो व्यापारी द्वारा अपना माल उधार वाली जगह नहीं भेजने की भी चर्चा सामने आ रही है । क्योंकि खेरची व्यापारियों में पैसा अटकने के कारण लहसुन व्यापार लडखड़़ा सा गया है और यहां पर उत्पादन क्षैत्रों की मंडियों में लहसुन की मंडियों में कभी तेजी, कभी समान और कभी मंदी की रिपोर्ट आने से व्यापारी असमंजस्य की स्थिति में है ऐसी भी चर्चा है । अभी देश के गुजरात, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश आदि कई प्रांतो की लहसुन जोरों से निकल रही है एक चर्चा यह भी है कि समाप्त सप्ताह के आसपास हिमाचल लहसुन में भी वडुगापट्टी तमिलनाडु में बाजार चाल ढिली रहने की भी चर्चा है । श्रीनगर कश्मीर का नया माल निकला है जो कि हिमाचल प्रदेश के व्यापारी खरीद रहा है और बिजवारे में बेचने के लिए स्टाक कर रहा है। इस कारण श्रीनगर में भी लहसुन के बाजार ठीक-ठीक है । हिमाचल प्रदेश में लहसुन क्वालिटी अनुसार सोलन, सिरमोर, राजगढ़ (गिरीपुल) आदि छोटे-छोटे गांव में एवं कुल्लु के बंजार, माहौल आदि जिले की छोटी बड़ी मंडियों में लहसुन निकलकर ज्यादातर माल तमिलनाडु तरफ लोर्डिंग होने की चर्चा है । वैसे हिमाचल के माल को गुजरात के कुछ व्यापारी प्रतिवर्ष तेजी-मंदी करने के लिए मंगवाकर स्टाक करके बाद में बेचने की चर्चा है । हिमाचल का माल तमिलनाडु की वडूगापट्टी एवं अन्य बिक्री सेंटरो पर समाप्त सप्ताह के रविवार से आज तक वहां लहसुन क्वालिटी अनुसार 8000 रू. से 14000 प्रति क्विंटल तक बिकने की चर्चा है। वहीं गुजरात में राजकोट, गोंडल, जामनगर आदि छोटी-बड़ी मंडियों में वहां का लहसुन जो आ रहा है वो ज्यादातर छोटा साईज का माल आता है वह फुल गोला, डबल फुल टाईप का माल कम आने की चर्चा है भाव क्वालिटी अनुसार 2500 से 6500 रू. प्रति क्विंटल तक ज्यादातर माल बिकने की चर्चा है और एक्स्ट्रा मोटा माल होने पर ऊंचे दामों पर बिकने की चर्चा है । वहीं देश की मुख्य लहसुन बिक्री मंडी उप्र, बिहार, बंगाल, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गोहाटी, जोधपुर, जयपुर, बीकानेर, श्रीगंगानगर, गोधरा, दाहोद, वड़ोदरा, अहमदाबाद, सूरत, मुम्बई, पुना, बैंगलौर, वडूगापट्टी, कोयम्बटूर, कटक, भुवनेश्वर, भ्रदक, जाजपुरटाऊन, संभलपुर, राहुलकेला, बरगड़, भारीपदा, सैलम, मदुराई, मद्रास, त्रिची, कूम्भाकोड़म, नैल्लूर, हैदराबाद, ताड़ेपल्लीगुडम, विजयवाड़ा, विशाखापट्टम, राजामहेन्द्री, समस्तीपुर, गया, मुजफ्फपुर, गोरखपुर, पटना, लखनऊ, कानपुर, बनारस, ईलाहाबाद (प्रयागराज), अमृतसर, लुधियाना, जालंधर, करनाल, गुडग़ांव, केरला के त्रिशूर, पालघाट, कालीकट, कोचीन, कलकत्ता, वर्धमान, बांग्लादेश बार्डर की प्रमुख मंडी एवं सेंटरों पर लहसुन की बिक्री शुरू हो गई है वहां क्वालिटी अनुसार ट्रक भाड़ा, वजन घटी, खर्चे मुताबिक मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात आदि राज्यों का माल क्वालिटी अनुसार हल्का माल 3500 से 6000 तक जनरल भाव और अच्छे माल एवरेज मोटे माल 6500 से 8500 तक जनरल भाव, डबल गोला सुपर माल 9000 से 12000 रू. प्रति क्विटंल तक क्वालिटी एवं पैकिंग अनुसार बिकने की चर्चा है । लेकिन देश के बिक्री सेंटरो पर ग्राहकी कमजोर होने की भी चर्चा है । क्योंकि व्यापारी अपना पुराना पैसा वसूली में लगा हुआ है ऐसी चर्चा है । देश के लगभग संभावित सभी राज्यों में वहीं बारिश शुरू हो चुकी है ऐसे में जुलाई माह के आसपास से ठंडा मौसम होने की वजह से लहसुन में ग्राहकी भी निकलने की संभावना बन सकती है । हिमाचल प्रदेश में अलग-अलग मंडियों में क्वालिटी अनुसार लहसुन के भाव 7000 से 11000 रू. प्रति क्विंटल के आसपास रहने की चर्चा है ।