जघन्‍य एवं सनसनीखेज चिन्हित प्रकरण में हत्‍या के आरोपीगणों को आजीवन कारावास एवं अर्थदंड

रतलाम । न्‍यायालय श्रीमान (शेलेष भारती भदकारिया) पंचम अपर सत्र न्‍यायालय रतलाम जिला रतलाम (म.प्र.) के द्वारा जघन्‍य एवं सनसनीखेज चिन्हित प्रकरण में निर्णय दिनांक 24.08.2021 को अभियुक्‍तगण हकरू पिता हुरजी बारिया उम्र 20 वर्ष एवं कालु उर्फ कारू पिता हुरजी बारिया उम्र 30 वर्ष नि. तुमडीपाडा थाना औ.क्षै. रतलाम जिला रतलाम को धारा 302 भादवि में सश्रम आजीवन कारावास एवं 5000-5000 रूपये के अर्थदंड एवं धारा 323 भादवि में 1 माह का सश्रम कारावास एवं 500-500 रू अर्थदंड से दंडित किया गया।
प्रकरण के पैरवीकर्ता जिला अभियोजन अधिकारी अनिल बादल ने बताया कि दिनांक 26.10.2018 को रात्रि करीब 11:30 बजे फरियादी पक्ष राकेश पिता मांगु उर्फ मांगीलाल उम्र 20 वर्ष निवासी तुमडीपाडा, मनीराम पिता बालु सिंगाड उम्र 18 वर्ष नि. सिल्‍लर, कमलेश पिता मांगु उम्र 19 वर्ष नि. तुमडीपाडा और मृतक मुन्ना पिता मांगु उम्र 18 वर्ष नि. तुमडीपाडा रतलाम से काम करके घर जा रहे थे। गॉव में जैसे ही वे हकरू बारिया के घर के सामने से निकले तो हकरू बारिया और उसका भाई कालु बारिया लट्ठ लेकर आये और फरियादी पक्ष से बोले कि दशहरे के दिन मेरी रिपोर्ट क्यो लिखवाई थी और फरियादीगण के साथ लाठी-डंडो से मारपीट करने लगे। आरोपी कालु बारिया ने लट्ठ से मनीराम के सिर में मारा जिससे मनीराम के सिर से खून निकलने लगा। फिर वे सभी वहां से भागे तो हकरू ने मृतक मुन्ना के सिर में काफी जोर से लट्ठ मारा जिससे वह गिर गया फिर हकरू और कालु ने मुन्ना को जान से मारने की नियत से लट्ठ से मारते रहे। इतने में राकेश ने डायल 100 पर फोन लगाया तो हकरू और कालु वहां से भाग गये। फिर डायल 100 आई और उनको गॉव से रतलाम सरकारी अस्पताल लेकर गई। जहां डॉक्टर द्वारा मुन्ना को मृत घोषित किया गया। हकरू और कालु ने उन चारो के साथ लट्ठ-डंडो से मारपीट कर मुन्ना की हत्‍या कर दी।
उक्‍त घटना फरियादी राकेश पिता मांगू द्वारा बताने पर पुलिस थाना औद्योगिक क्षेत्र रतलाम में अप. क्र. 615/18 धारा 302, 323, 294, 34 भादवि में आरोपीगण हकरू पिता हुरजी बारिया व कालु पिता हुरजी बारिया के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण को शासन द्वारा जघन्‍य एवं सनसनीखेज श्रेणी में चिन्हित किया गया जिसमें पुलिस अधीक्षक श्री गौरव तिवारी के निर्देशन में विवेचना अधिकारी उपनिरीक्षक विजय सागरिया के द्वारा अनुसंधान में घटना स्‍थल का नक्‍शा मौका बनाया जाकर दोनो आरोपीगण को दिनांक 28.10.2018 को गिरफ्तार कर अनुसंधान में आवश्‍यक साक्ष्‍य संकलित कर अभियोग पत्र दोनो आरोपीगणों के विरूद्ध दिनांक 23.01.2019 धारा 302,323, 294,34 भादवि में माननीय न्‍यायालय के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया।
माननीय विचारण न्‍यायालय में अभियोजन की ओर से घटना के समर्थन में कुल 18 साक्षीयों में से 10 साक्षीयों को परीक्षित करवाया गया तथा चक्षुदर्शी साक्ष्‍य,एफएसएल जॉच रिपोर्ट एवं लिखित व मौखिक बहस प्रस्‍तुत कर आरोपीगणों को आरोपित धारा में उल्‍लेखित अधिकतम दण्‍ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया जबकि अभियुक्‍तगण की ओर से सेल्‍फ डिफेंस का बचाव लिया गया।
माननीय विचारण न्‍यायालय द्वारा अपने निर्णय दिनांक 24.08.2021 को अभियोजन की ओर से प्रस्‍तुत साक्ष्‍य को प्रमाणित मानते हुए दोनो आरोपीगण हकरू और कालु उर्फ कारू को धारा 302 भादवि में सश्रम आजीवन कारावास एवं 5000-5000 रूपयें एवं धारा 323 भादवि में 1-1 माह का सश्रम कारावास एवं 500-500 रूपयें अर्थदंड से दंडित किया गया। प्रकरण में अभियोजन की और से पैरवी श्री अनिल बादल जिला अभियोजन अधिकारी रतलाम द्वारा की गई।