खेल दिवस पर ऑनलाइन मेजर ध्यानचंद को श्रद्धांजलि अर्पित

रतलाम । मेजर स्व. ध्यानचंद का स्मरण करते ही रोम रोम में उत्तेजना और गर्व की अनुभूति होती है मैदानी जोश और उत्साह उमंग का वातावरण परिलक्षित होता है उनके खेल में जो जुझारू पन और जीवटता थी वह उस दौर में विश्व के किसी भी अन्य खिलाड़ी में नहीं दिखाई देती थी यही कारण था कि भारत तीन चार दशकों तक हॉकी का सिरमौर बना रहा ध्यानचंद में अद्भुत प्रेरणा शक्ति छुपी हुई थी उनके समकालीन खिलाडिय़ों में वह देश प्रेम के साथ जीतने का जो जुनून पैदा करते थे वही उनकी सफलता की कहानी लिखते थे चंचल न केवल भारतीय खेल जगत के अमिट हस्ताक्षर थे बल्कि वे एक खेल नायक के तौर पर युगो युगो तक याद किए जाएंगे
उक्त उद्गार शिक्षक सांस्कृतिक संगठन और जिला बॉडी बिल्डिंग एसोसिएशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित स्वर्गीय मेजर ध्यान चंद स्मृति दिवस पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शिक्षक मंच के अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने व्यक्त किए । आपने कहा कि हमें गर्व होता है कि हम निरंतर खेलों के क्षेत्र में प्रगति कर रहे हैं यह केवल एक-दो दिन की मेहनत नहीं है अपितु कई सालों के परिश्रम का फल है जो अब हमें धीरे-धीरे प्राप्त हो रहा है टोक्यो ओलंपिक जो मिली सफलता है इसी बात का प्रमाण है ।
वरिष्ठ सेवानिवृत्त शिक्षक चंद्रकांत वाफगावंकर ने कहा कि भारतीय खिलाड़ी अपना धैर्य और साहस बरकरार रखते हुए खेलने तो जीत उनके कदम चूमती है सचिन तेंदुलकर और नीरज चोपड़ा इसके उदाहरण है और आप तो भारत सरकार और राज्य सरकारें भी खेल के मैदान में अपने दिलचस्पी दिखाने लगी है खिलाडिय़ों को दी जाने वाली इनामी राशि इस बात की गवाह है की सरकार खेलों के विकास के प्रति संवेदनशील हुई है।
खेल अनुदेशक एवं कुश्ती के निर्णायक चंद्रशेखर लश्कर ई ने कहा कि हमारी सरकारें खेल के लिए बजट तो बनाती है लेकिन वह पर्याप्त बिल्कुल नहीं है भारत जैसे विशाल भूभाग और आबादी वाले देश में इस बजट से कुछ भी नहीं हो पाता है हां यह जरूर है खिलाड़ी अपने बलबूते पर जीतने की भूख जगा कर भारत माता का और तिरंगे का मान सम्मान बड़ी प्रतियोगिताओं में निरंतर बढ़ा रहे हैं ।
संस्था के सचिव भाई दिलीप वर्मा ने कहा कि खेल हमारे जीवन का अंग है हमारी स्फूर्ति उर्जा और उत्तम स्वास्थ्य का पर्याय है रहा सवाल ओलंपिक जैसे महाकुंभ में पदक प्राप्त करने का तो निश्चित रूप से वर्तमान पैरा ओलंपिक इसका उदाहरण है की जीतने वाले खिलाडिय़ों ने बताया कि पैरा ओलंपिक भी विश्व की बहुत मानी हुई स्पर्धा है जीते हुए समस्त खिलाडिय़ों को बधाई कि उन्होंने भारत माता के गौरव को बढ़ाया।
पूर्व प्राचार्य आरएनके रावत ने कहा कि खेलों के संस्कार बच्चों बच्चों में स्कूल समय में ही विकसित हो जाना चाहिए तभी वह अपने लक्ष्य निर्धारित कर खेलों के माध्यम से अपना करियर बना सकते हैं ।
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 1 माणक चौक की प्राचार्य श्रीमती डेलन भावना ने कहा कि स्कूलों में यदि खेल पाठ्यक्रम अनिवार्य कर दिया जाए और खिलाडिय़ों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो तो हमारे देश में खिलाडिय़ों की कमी दूर हो सकती है।
बॉडी बिल्डिंग एसोसिएशन के सचिव कुलदीप त्रिवेदी ने कहा कि वैसे तो इस बार का ओलंपिक हमारे लिए बहुत अच्छा रहा है लेकिन अगले ओलंपिक की अभी से तैयारी होनी चाहिए तभी हमारे पदकों की संख्या बढ़ाई जा सकती है खिलाडिय़ों की सुविधा और संसाधन उत्तम हो तो स्वर्ण पदकों की संख्या में बढ़ोतरी निश्चित रूप से होगी।
बॉडी बिल्डिंग एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सुनील जैन ने कहा कि अब खिलाडिय़ों को लगने लगा है कि हम खेल में अपना करियर बना सकते हैं सरकार समाजसेवी और उद्योगपति भी अब खिलाडिय़ों को छात्रवृत्ति और सुविधाएं प्रदत्त कर रहे हैं जो हमारे देश के खेल भविष्य के लिए सुखद है आपने उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की तरह राज्य के मुख्यमंत्री भी खेलों में दिलचस्पी ले तो अगले ओलंपिक तक और पदक आ सकते हैं।
पूर्व क्रिकेटर ललित मोयल ने कहा कि मेजर ध्यानचंद के नाम पर खेल रत्न अवार्ड देकर मोदी सरकार ने खेल जगत को एक अनुपम सौगात दी है । विनोद यादव ने कहा कि आने वाला समय खिलाडिय़ों के लिए बहुत अच्छा और सुखद होगा उनकी सुविधाओं का ध्यान रखने वाली सरकारें अब चल रही है बॉडी बिल्डिंग के कोच असलम खान ने कहा कि खिलाड़ी अगर ठान ले तो सफलता उनके कदम चूम सकती है।
शिक्षक देवेंद्र वाघेला शिवगढ़ ने कहा कि भारत की जनता गांव में बसती है और अगर ग्रामीण क्षेत्र में खेल प्रशिक्षण केंद्र खोले जाएं तो अच्छी प्रतिभाएं निकल कर सामने आ सकती है । परिचर्चा का संचालन दिलीप वर्मा तथा आभार कुलदीप त्रिवेदी ने व्यक्त किया ।