अवयस्क बालिका के साथ जघन्य सामूहिक दुष्कर्म कर हत्या कारित करने वाले आरोपीगणों को आजीवन कारावास की सजा

रतलाम । न्यायालय श्रीमान योगेन्द्र कुमार त्यागी,विशेष न्यालयाधीश लैंगिक अपराधो से बालकों का सरंक्षण अधिनियम 2012 रतलाम जिला रतलाम (म.प्र.) के तहत आरोपीगण – (1) कालु पिता चेनसिंह निनामा निनामा उम्र 20 वर्ष (2) दीपला उर्फ दिपक पिता नाहरसिंह निनामा उम्र 20 वर्ष (3) रवि गुंगा पिता रामसिंह उम्र 20 वर्ष सभी आरोपीगण नि. गुजरपाडा थाना बिलपांक जिला रतलाम को अवयस्क बालिका के साथ जघन्य सामूहिक दुष्कर्म कर हत्या कारित करने के आरोप में अलग-अलग धाराओं में आजीवन कारावास की सजा एवं अर्थदंड से दंडित किया है । उक्त मामले की सफल पैरवी श्रीमती गौतम परमार, विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो एक्ट रतलाम म.प्र.
घटना का संक्षिप्त विवरण – प्रकरण की पैरवीकर्ता विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो एक्ट श्रीमती गौतम परमार ने बताया कि दिनांक 05.09.2020 को शाम 07:00 बजे थाना बिलपांक अंतर्गत निवासी 13 वर्षीय अवयस्क बालिका अपने घर से पास ही स्थित किराने की दुकान पर शक्कर चाय पत्ती व अन्य सामान लेने गयी थी, जो वापस घर नही आई। उसके परिवार व रिश्तेदारो ने गांव में तलाश की तो वह नही मिली, लेकिन किराने की दुकान पर से घर आने वाले रास्ते पर खण्डरनुमा एक घर के पास अभियोक्त्री की चप्पल व शक्कर ढुली हुई व साबून, तम्बांकु, चायपत्ति पडी हुई मिली। सूचना पर डॉयल 100 पुलिस भी मौके पर आई थी व परिजनों के साथ पुलिस ने भी अभियोक्त्री की तलाश की परंतु वह नहीं मिली। परिजनों द्वारा अभियोक्त्री को ढुंढने के पश्चात उसके नही मिलने पर घर जब वापिस आये तब गंाव के कालु, दीपला उर्फ दिपक, एवं रवि गूंगा उनके पास आये और कालू ने 1000रू अभियोक्त्री के छोटे भाई को दिये और कहा कि तेरी बहन को ढूंढ लेना और वहां से चले गये। उक्त तीनों कालु, दीपला उर्फ दिपक, एवं रवि गूंगा शाम चार बजे से ही अभियोक्त्री के घर के पास बैठ कर शराब पी रहे थे और धुमाल कर रहे थे। अगले दिन दिनांक 06.09.2020 को सुबह परिजनों ने अभियोक्त्री को गांव के आस-पास के खेतों में तलाश किया तो मक्के के खेत में अभियोक्त्री का शव अर्धनग्न अवस्था में मिला। मौके पर पुलिस आई तब पुलिस ने बारिकी से मौके पर जांच की व अभियोक्त्री के ताउ के लडके के द्वारा घटना बताने पर आरोपीगण कालु, दीपला उर्फ दिपक, एवं रवि गूंगा के विरूद्ध अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म कर हत्या कारित करने और शव को छूपाने की धाराओं मे रिपोर्ट दर्ज कर अनुसंधान प्रांरभ किया गया। मौके पर अभियोक्त्री के शव पर पडे काले रंग के बाल तथा उसके मुंह से निकल रह झाग एवं शव के पास की मिट्टी एवं पास की स्थित पानी की तलाई की मिट्टी व तलाई का पानी सेम्पल जांच के लिये संकलित कर खण्डर के पास से पडी हुई अभियोक्त्री मृतिका की चप्पल, शक्कर ढुली हुई व साबून, तम्बांकु, चायपत्ति को भी जप्त किया गया। अभियोक्त्री मृतिका का पोस्टमार्टम करवाया गया। जिसमें अभियोक्त्री के प्राइवेट भागो पर चोटो के निशान एवं उसके शरीर पर भी चोटो के निशान तथा दम घुटने से मृत्यु होना बताया गया था।
अनुसंधान अधिकारी उपनिरीक्षक सपना राठौर एवं तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक ब्रजेश मि़श्रा के द्वारा तीनो आरोपीगणों कों दिनांक 07.09.2020 को गिरफ्तार कर उनसे कडाई से पूछताछ की गई तो आरापीगणों द्वारा बताया गया कि अभियोक्त्री जब किराने का सामान लेकर वापिस आ रही थी तो हमने उसका मुंह दबाकर उसे उठाकर मक्का के खेत ले गये थे जहां पर बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया। उसके पश्चात तीनो ने उसे उठाकर खेत के पास बनी पानी की तलाई मे ले गये जहंा उसे डुबा डुबा कर मार दिया। व फिर लाश को तीनो ने उठा कर वापिस मक्के के खेत लगी फसल में छुपा दिया। पुुलिस द्वारा आरोपीगणों का मेडिकल करा कर, मेडिकली साक्ष्य तथा तीनो आरोपीगणों का रक्त नमूना तथा आरोपीगणों द्वारा पहनी गई चप्पलों में लगी मिट्टी का सेम्पल संकलित कर सभी आर्टिकलों को एफ.एस.एल. एवं डी.एन.ए. जांच हेतु भेजा गया, जिसकी जांच रिपोर्टे भी तीनो आरोपीगणों की घटना कारित करने में संलिप्तता को प्रमाणित करती है।
प्रकरण में आरोपीगणों द्वारा 13 वर्षीय अवयस्क अभियोक्त्री का व्यपहरण कर उसके साथ क्रुरतम तरीके से सामूहिक दुष्कर्म कर जघन्य रूप से उसकी हत्या कारित करना पाया जाने पर राज्य शासन द्वारा प्रकरण को प्राथमिकता देते हुये प्रकरण को जघन्य एवं सनसनीखेज श्रेणी के रूप में चिन्हित किया जाकर निरंतर प्रकरण की मॉनिटरिग की जाती रही हैै।
अनुसंधान पूर्ण होने के पश्चात अभियोग पत्र दिनांक 09.10.2020 को तीनो अभियुक्तो के विरूद्ध धारा 201, 302, 363, 376डीए भादवि तथा 5(जी)/6 लैगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम, 2012 माननीय विशेष न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
माननीय विशेष न्यायालय में विचारण के दौरान प्रकरण में कुल 23 साक्षियों को घटना के समर्थन में परिक्षित करवाते हुये उनसे संबधित दस्तावेजी एवं वैज्ञानिक साक्ष्य को प्रमाणित कराया जाकर लिखित अंतिम तर्क प्रस्तुत कर विशेष लोक अभियोजक श्रीमती गौतम परमार द्वारा माननीय न्यायालय से निवेदन किया गया कि आरोपीगणो द्वारा 13 वर्षीय अवयस्क अभियोक्त्री के साथ जघन्य तरीके से घटना कारित की गई है जो आरोपीगणों का कृत्य विरल से विरलतम श्रेणी का होकर इन्हे मृत्युदंड से दण्डित किया जाये।
विचारण उपरांत माननीय विशेष न्यायालय द्वारा अपने निर्णय दिनांक 08.10.2021 को अभियोजन द्वारा प्रस्तुत मौखिक एवं दस्तावेजी तथा वैज्ञानिक एफ.एस.एल. डी.एन.ए साक्ष्य को प्रमाणित मानते हुये तीनों अभियुक्तगणों को अवयस्क अभियोक्त्री का व्यपहरण कर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म करने व हत्या कारित करने का दोषी मानते हुये धारा 302/34 भा.द.वि.,376 डीए भा.द.वि.एवं 5जी/6 पॉक्सो एक्ट में क्रमश: आजीवन कारावास (शेष प्राकृत जीवनकाल तक) व 5000-5000रू अर्थदण्ड तथा धारा 366 भा.द.वि. में 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं 2000रू अर्थदण्ड एवं धारा 201 भा.द.वि.में 5 वर्ष का कठोर कारावास एवं 2000रू अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से सफल पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्रीमती गौतम परमार द्वारा की गई।