सुविधा का अभाव एवं नई मंडी व्यवस्थित तरिके से नहीं बनने के कारण लाल मिर्च की निलामी अन्य जगह होने की चर्चा

बेडिया (रतलाम से मोतीलाल बाफना द्वारा)। देश में दूसरी गून्टूर मंडी के नाम से विख्यात बेडिय़ा जिला खरगोन में नवीन लाल मिर्च मंडी के सुविधायुक्त निर्माण नहीं होने के कारण एवं जगह की भी कमी होने की वजह से वहां के लाल मिर्च के व्यापारियों ने ज्ञापन के माध्यम से मंडी प्रशासन बेडिया का ध्यान आकर्षित किया था। जिसमें व्यापारियों ने जगह की सुविधा सहित अन्य सुविधाओं का अभाव होने का हवाला देते हुए नई मंडी के पूर्ण सुविधायुक्त होने तक व्यापारियों द्वारा मंडी में अनिश्चिकालीन हड़ताल कर दी थी जिसकी वजह से नवीन मिर्च मंडी बंद थी । बेडिय़ा के एक मिर्च व्यापारी ने फोन पर चर्चा में बताया कि नवीन मंडी के अनिश्चित रूप से बंद होने के कारण लाल मिर्च व्यापारियों द्वारा मंडी बोर्ड को विकल्प दिया कि मंडी के आसपास खाली जमीन होने के कारण उक्त जमीन को लीज या अन्य माध्यम से लेकर उत्पादक कृषकों की लाल मिर्च का कुछ समय के लिए व्यापार किया जा सकता है । मंडी प्रशासन बेडिय़ा द्वारा लाल मिर्च व्यापारियों को आश्वस्त किया गया है कि नवीन मंडी में आ रही समस्याओं का शीघ्र निराकरण किया जावेगा । वहीं कुछ व्यापारियों द्वारा नई मंडी में सुविधा पूर्ण होने तक पुरानी लाल मिर्च मंडी में व्यापार प्रारम्भ करने के लिए भी मंडी प्रशासन को सुझाव दिया गया ।
उल्लेखनीय है कि गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष लाल मिर्च की फसलें कुछ-कुछ क्षैत्रों में अच्छी आने की संभावना है। इसके कारण लाल मिर्च की आवकें अब कुछ दिनों जोरदार हो सकती है । सूत्रों के अनुसार ऐसी स्थिति को ध्यान में रखते हुए ही व्यापारियों द्वारा ज्ञापन के माध्यम से प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया था । हालांकि लाल मिर्च व्यापारियों द्वारा सुविधा के अभाव में नई लाल मिर्च मंडी में व्यापार नहीं करने का निर्णय लिया था ऐसी भी चर्चा है । ऐसी स्थिति में मिर्च व्यापार की आगामी व्यवस्था क्या होगी इस सम्बंध में मंडी प्रशासन द्वारा अधिकाधिक रूप से जानकारी नहीं दी गई है ऐसी चर्चा है।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश की प्रमुख किसानों की लाल मिर्च के व्यापार केन्द्र बिन्दु बेडिया मंडी में देशभर के लाल मिर्च व्यापारी यहा आकर माल की खरीदी बिक्री का काम एवं माल पैकिंग करवाकर डंडीदार एवं डंडीकट के बाद एक्सपोर्ट में भी माल जाने की चर्चा रहती है । इस दृष्टि से मंडी प्रशासन द्वारा लाल मिर्च व्यापारियों को सुविधायुक्त जगह दिया जाना चाहिए । क्योंकि लाल मिर्च पर ५ प्रतिशत जीएसटी एवं मध्यप्रदेश मंडी प्रशासन का मंडी टेक्स भी लागू है । मध्यप्रदेश सरकार को मंडी बोर्ड के माध्यम से करोड़ों रूपए प्रति वर्ष मंडी टेक्स के रूप में मिलता है । इसलिए व्यापारियों को सुविधा मिलना आवश्यक है । एक यह भी चर्चा है कि मंडी प्रशासन और स्थानीय मिर्च व्यापारी आपस में चर्चा कर उक्त समस्या का जल्द ही निराकरण कर कुछ समय के नई जगह पर मंडी चालू कर सकते है ऐसी संभावना जताई जा रही है ।