रतलाम । न्यायालय श्रीमान (योगेन्द्र कुमार त्यागी) विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट रतलाम (म.प्र.) द्वारा निर्णय दिनांक 27.12.2021 को अभियुक्त लवीश उर्फ कन्हैया पिता हरीश सोनी उम्र 29 साल निवासी चॉंदनी चौक रतलाम को धारा 5(एल)/6 पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी पाते हुए 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं 1000रू अर्थदंड एवं धारा 366 भादवि में 7 वर्ष का कठोर कारावास व 1000रू अर्थदंड तथा धारा 363 भादवि में 4 वर्ष का कठोर कारावास एवं 1000रू अर्थदंड से दंडित किया गया। उक्त सभी सजाए एक साथ भुगतायी जावेगी।
प्रकरण में पैरवीकर्ता विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो एक्ट रतलाम श्रीमती गौतम परमार ने बताया कि दिनांक 30.05.2014 को अवयस्क अभियोक्त्री की माता ने थाना माणकचौक रतलाम पर उपस्थित होकर सूचना दी कि उसकी अवयस्क पुत्री दिनांक 27.05.201 को सायं 5 बजें घर से बिना बताए कही चली गयी जिसकी तलाश आस-पास व रिश्तदारो में करी परंतु उसका पता नहीं चला। उसे शंका है कि उसकी लडकी से पूर्व में मिलने जुलने वाला लवीश उर्फ कानू सोनी शादी करने की नियत से बहला-फुसलाकर ले गया है। उक्त सूचना पर से थाना माणकचौक पर अपराध क्रं. 424/2014 पर अपहरण की धाराओ में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ की गई।
विवेचना के दौरान दिनांक 18.09.2015 को अवयस्क अभियोक्त्री अपने 7 माह के शिशु एवं अपनी माता के साथ थाने पर उपस्थित होने पर पुलिस द्वारा अभियोक्त्री से पुछताछ की गई तो उसने बताया कि करीब पिछले तीन साल से लवीश उर्फ कानू को जानती थी और उनकी आपस में बातचीत होती रहती है। लवीश ने उससे कहा कि वह उससे शादी करेगा तब दिनांक 27.05.2014 को सायं 5 बजें अपने घर से बिना बताए निकल गयी। उसे आरोपी ने घास बाजार रतलाम बुलाया था। घास बाजार रतलाम में आरोपी उसे मिला और फिर उसे लेकर इंदौर गया वहॉ से फिर हम देवास गए। देवास में उससे लवीश ने शादी करी और फिर दोनो पति पत्नि की तरह देवास में रहने लगे। इस दौरान हमारे बीच शारीरिक संबंध बने जिससे एक शिशु भी हुआ है जो करीब 7 माह का है। मैं अपने शिशु और लवीश के साथ अपनी मॉ के घर आयी फिर मेरी मॉ मुझे और मेरे शिशु को लेकर थाने उपस्थित हुई। अभियोक्त्री द्वारा बतायी गई उक्त घटना पर से पुलिस द्वारा दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट की धाराओ का इजाफा कर उक्त दिनांक 18.09.2015 को ही आरोपी लवीश को गिरफ्तार किया जाकर अभियोक्त्री व आरोपी का मेडिकल कराया गया। साक्ष्य संकलन पश्चात अनुसंधान पूर्ण होने पर अभियोग पत्र दिनांक 14-10-2015 को धारा 363, 366, 376(2)(एन) भादवि एवं 5/6 पॉक्सो एक्ट में माननीय विशेष न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
माननीय विशेष न्यायालय द्वारा अपने निर्णय दिनांक 27.12.2021 को विचारण के दौरान आई हुई साक्ष्य से अभियोक्त्री की अवयस्कता प्रमाणित होने से अपराध में दी गई उसकी सहमति महत्वहीन हो जाने के आधार पर आरोपी को अपराध में दोषसिद्ध किया गया।
प्रकरण की सफल पैरवी विशेष लोक अभियोजक रतलाम श्रीमती गौतम परमार द्वारा की गयी।