आत्मनिर्भर भारत अभियान में रतलाम जिले के लहसुन को मिलेगी नई पहचान

रतलाम । भारत शासन के आत्मनिर्भर भारत अभियान में रतलाम जिले की लहसुन को नई पहचान मिलेगी। जिले के वृहद रकबे में बोये जाने वाले लहसुन पर आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने तथा उनसे बनने वाले खाद्य पदार्थों की यूनिट लगाने हेतु शासन की ओर से स्थानीय उद्यमियों को मदद दी जाएगी।
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत एक जिला एक उत्पाद अवधारणा के अंतर्गत रतलाम जिले के लिए लहसुन फसल का चयन किया गया है। इसके लिए खाद्य प्रसंस्करण में कार्यरत स्वयं सहायता समूहों के प्रत्येक सदस्य को 40 हजार रूपए प्रारंभिक पूंजी वर्किंग कैपिटल के रूप में दी जाएगी। विद्यमान असंगठित खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को अधिकतम 10 लाख रूपए तक के अनुदान सहायता मिलेगी और परियोजना लागत की 35 प्रतिशत क्रेडिट लिंक अनुदान सहायता होगी। निर्धारित अधिकतम सीमा तक पूंजी व्यय के लिए स्वयं सहायता समूह के अलावा किसानों के एफपीओ सहकारिताओं को परियोजना लागत की 35 प्रतिशत क्रेडिट लिमिट अनुदान सहायता मिलेगी। उपसंचालक उद्यानिकी श्री पी.एस. कनेल बताया कि योजना का लाभ लेने के लिए किसान जिला उद्यानिकी कार्यालय कलेक्ट्रेट रतलाम से संपर्क कर सकते हैं। जिले में वृहद स्तर पर उत्पादित होने वाली लहसुन पर आधारित खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को स्थापित करके किसान आर्थिक रूप से समृद्ध हो सकते हैं। योजना में शासन द्वारा व्यक्तिगत किसान, किसानों के एफपिओ, स्वयं सहायता समूह, सहकारी संस्थाओं और युवाओं के स्टार्ट अप्प द्वारा खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां लगाने के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है। पहले से मौजूद खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के उन्नयन के लिए 10 लाख रूपए तक के अनुदान सहायता दी जा रही है।
योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के इच्छुक व्यक्तियों से जिला स्तर पर आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। योजना में सहायता प्राप्त करने के इच्छुक मौजूदा खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को एमएसएमई पोर्टल पर आवेदन करना होगा। जांच के बाद बैंकों के ऋण प्रस्ताव की सिफारिश की जाएगी। विस्तृत जानकारी mofpi.nic.in वेबसाइट पर देखी जा सकती है।