सुरजना की खेती से किसान के नये जीवन का हो रहा हैं सृजन

कम लागत में ले रहे हैं अधिक मुनाफा

इन्दौर । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा है कि किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा प्राप्त हो। इस दिशा में इंदौर जिले में विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वे कम लागत में अधिक मुनाफा प्राप्त करने वाली आधुनिक खेती करें। जिले में इस दिशा में सफलता भी प्राप्त हो रही है। किसान अब परम्परागत खेती को छोड़कर नई तकनीक अपना रहे है। आधुनिक और अंतरवर्तीय खेती कर रहे है। इन्हीं में से एक किसान है धन सिंह पटेल। सुरजना की खेती से इनके नए जीवन का सृजन हो रहा है।
धन सिंह पिता मांगीलाल पटेल इंदौर जिले के ग्राम गारी पिपरिया के रहने वाले है। वे एक लघु कृषक है। इनकी रुचि को देखते हुए कृषि विभाग के आत्मा परियोजना के तहत इनसे संपर्क किया गया। इन्हें प्रोत्साहित किया गया कि वे नवाचार करे। अंतरवर्तीय फसल अपनायें। इन्होंने नवाचार करते हुए सुरजना जिसे कि सहजन और अन्य नामों से जाना जाता है, की खेती प्रारंभ की। इस कृषक ने अंतरवर्तीय फसल के रूप में कलोंजी, मटर, बरबटी आदि की खेती भी शुरू की। इन्होंने अपनी आमदनी को बढ़ाने के लिये खेती के साथ पशु पालन का काम भी प्रारंभ किया। वे मधुमक्खी पालन, अजोला उत्पादन, केंचुआ खाद बनाने का काम भी हाथ में लिया। कृषक को परम्परागत खेती की तुलना में कई गुना अधिक लाभ मिलने लगा। यह किसान आज बेहद खुश है। अपने जीवन में आ रहे बदलाव के लिये उन्होंने शासन प्रशासन को धन्यवाद दिया। उनका कहना है कि सुरजना मेरे नए जीवन का सृजन कर रही है। उन्होंने बताया कि पारम्परिक खेती सोयाबीन के उत्पादन से जहां प्रति एकड़ 18 हजार 300 रूपये कुल आवक होती है, वहीं सुरजना की खेती से प्रति एकड़ एक लाख 98 हजार रूपये की आवक मिलती है। अंतरवर्तीय फसल लेने से प्रति एकड़ 27 हजार रूपये की आवक हो रही है। पारम्परिक खेती की तुलना में लाभ का प्रतिशत कई गुना अधिक है।