जिले में मनेगा ग्राम गौरव दिवस

मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा वीसी लेकर दिए गए निर्देश

रतलाम । प्राचीन काल से ही ग्राम संगठित शक्ति का एक केन्द्र बिन्दु रहा है। प्रेम, सद्भाव, समरसता और सहकार ग्रामीण जीवन के मूलतत्व हैं। अपने इतिहास, परम्पराओं के कारण प्रत्येक गांव की एक विशिष्ट पहचान होती है। अपनी संस्कृति, धरोहर और विशिष्टताओं के प्रति गौरव की भावना को जाग्रत करने के उद्देश्य से शासन द्वारा ग्राम पंचायतों के प्रत्येक ग्राम में 14 अप्रैल तक ग्राम गौरव दिवस मनाए जाएगा। ग्रामों की समृद्धि और उसके अभ्युदय का यह अभिनव उपक्रम है। इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा गुरुवार को वीसी लेकर प्रदेश में दिशा निर्देश दिए गए। रतलाम एनआईसी कक्ष में विधायक रतलाम ग्रामीण श्री दिलीप मकवाना, कलेक्टर श्री कुमार पुरुषोत्तम, सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिडे, परियोजना अधिकारी श्री महेश कुमार चौबे आदि उपस्थित थे।
बताया गया है कि ग्राम गौरव दिवस कार्यक्रम के सुचारू संचालन हेतु जिले से दो एवं प्रति जनपद से तीन मास्टर ट्रेनर चिंहांकन किए जाएंगे। चयनित मास्टर ट्रेनर को राज्य स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाकर कार्यक्रम की मूल अवधारण को सही तरीके से पहुंचाया जाएगा। मास्टर ट्रेनर द्वारा पंचायतों के प्रशासकीय समिति के सदस्य, ग्राम पचायत के शिक्षक, सचिव, रोजगार सहायक एवं अन्य लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्मुखीकरण कार्यक्रम के पश्चात सभी ग्रामों में ग्राम सभाओं का आयोजन किया जाएगा। इन ग्राम सभाओं के पर्यवेक्षण हेतु जिले से नोडल अधिकारी नामांकित किए जाएंगे। विशेष रुप से प्रथम चरण के ग्रामों में जिले के वरिष्ठ अधिकारी नामांकित किए जाएंगे। सभी ग्रामों में ग्राम सभा आयोजित कर व्यापक रुप से प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
ग्राम सभा द्वारा एक निश्चित दिवस पर गांव के किसी ऐतिहासिक दिवस को, गांव के किसी महापुरुष, स्वतंत्रता संग्राम सैनानी अथवा राष्ट्रीय, अन्तरराष्ट्रीय ख्यातिलब्ध पुरुष, महिला के जन्म दिवस को अथवा ग्राम की परम्परा में स्थापित किसी खास दिवस को ग्राम गौरव दिवस के रुप में मान्य किया जा सकता है। ग्राम के ऐसे सफल और अनुकरणीय व्यक्ति जो ग्राम से बाहर रहते हैं, उनको इस ग्राम सभा में शामिल होने के लिए आमंत्रण पत्र भेजा जाए। ग्रामसभा हेतु किसी सम्माननीय स्थल का चयन किया जाएगा और ग्रामसभा प्रारम्भ होने के पूर्व ग्राम के बुजुर्ग, सम्माननीयजनों को सम्मानित किया जाएगा। उक्त कार्यक्रम की समस्त गतिविधियों का दस्तावेजीकरण कर पंचायतों द्वारा पंचायत दर्पण पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा।
ग्राम गौरव दिवस के अन्तर्गत ग्राम में बसने से संबंधित इतिहास का पता लगाना, गांव की मूल विरासत से जुडी जानकारी एकत्र करना, गांव में पूर्व की विभूतियों के बारे में जानकारी एकत्रित करना, गांव से संबंधित विभिन्न क्षेत्र के सफल व्यक्तियों की पहचान की जानकारी एकत्र करना, ग्राम के संसाधनों व संभावनाओं की सूची बनाना, गांवों में पारम्परिक सृजनात्मक कला के पारस्परिक ज्ञान आदि का अभिलेखीकरण कर उसमें विकास और बढोत्तरी करना, पूजनीय, दर्शनीय, सम्माननीय स्थलों को चिन्हित करना, बुजुर्गों व क्षेत्र के सफल व्यक्तियों का सम्मान करना एवं उनके विचार सुनना, आर्थिक विकास की रणनीति तैयार करना, विकास, ज्ञान, कला व सामाजिक मूल्यों के आधार पर भविष्य के लक्ष्य एवं रणनीति तैयार करना आदि शामिल है।