कलेक्टर के निर्देश पर 20 अधिकारियों ने 101 छात्रावासों का किया निरीक्षण
रतलाम । कलेक्टर श्री कुमार पुरुषोत्तम द्वारा अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के बच्चों के छात्रावासों के कायाकल्प का बीड़ा उठाया गया है। इन छात्रावासों की कमियों को दूर करने सुरक्षा इंतजामों को मजबूत करने तथा आवश्यक सुविधाओं को मुहैया कराने की दृष्टि से कलेक्टर ने विभिन्न विभागों के 20 अधिकारियों को छात्रावासों के निरीक्षण की जिम्मेदारी सौंपी। लगभग 15 दिन की अवधि में अधिकारियों द्वारा 101 छात्रावासों का निरीक्षण कर लिया जाकर रिपोर्ट सौंप दी गई है।
सोमवार को समयावधि पत्रों की समीक्षा बैठक में कलेक्टर श्री कुमार पुरुषोत्तम ने ट्राइबल विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि आगामी 3 माह में शासन द्वारा प्रदत्त अनुरक्षण राशि से छात्रावासों का कायाकल्प सुनिश्चित किया जाए, वहां जो भी कमी है दूर कर दी जाए और जो सुविधाएं देना है समय सीमा में उपलब्ध करा दी जाए। समयावधि पत्रों की समीक्षा बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिड़े, अपर कलेक्टर श्री एम.एल. आर्य, एसडीएम श्री राजेश शुक्ला, डिप्टी कलेक्टर सुश्री कृतिका भीमावत, निगमआयुक्त श्री सोमनाथ झारिया तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर के निर्देश पर निरीक्षणकर्ता अधिकारियों द्वारा जिले के सभी अनुसूचित जाति जनजाति छात्रावासों का निरीक्षण कर लिया गया है। इनमें चार या पांच छात्रावास शिक्षा विभाग के भी हैं शेष सभी ट्राइबल डिपार्टमेंट के हैं। अपने निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने बताया है कि कई छात्रावासों में मच्छरों की समस्या के लिए जाली लगाना आवश्यक है, दरवाजे ठीक नहीं है, लेट बाथ ठीक नहीं है। पलंग, दरवाजे, खिड़कियां ठीक किए जाना है। कई जगह भवन मरम्मत की जरूरत है, रसोई घर में भी सुधार करना है। इस प्रकार की सभी जरूरतों और कमियों की पूर्ति के लिए कलेक्टर द्वारा 3 माह का समय विभाग को दिया गया है। ट्राईबल विभाग के पास शासन द्वारा प्रदान की गई 50-50 हजार रूपए की प्रत्येक छात्रावास के लिए अनुरक्षण राशि है जिसका उपयोग छात्रावासों के कायाकल्प में किया जाएगा।
कलेक्टर ने समीक्षा में जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि जिले के सभी स्कूलों में शिक्षकों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने के साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि शिक्षक आपसी सेटिंग से अनुपस्थित नहीं रहे अन्यथा जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारी की होगी। औचक निरीक्षण के दौरान उक्त मामलों में खंड शिक्षा अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि कलेक्टर द्वारा विगत दिनों स्कूल निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित पाए गए 4 शिक्षकों के निलंबन के प्रस्ताव अधिकार सीमा के तहत आयुक्त लोक शिक्षण को भेजे गए हैं।
छात्रावासी बालिकाओं की कैरियर काउंसलिंग तथा ट्रेनिंग की व्यवस्था
बैठक में कलेक्टर श्री कुमार पुरुषोत्तम द्वारा जिला महिला बाल विकास विभाग को निर्देशित किया गया कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के लिए शासन द्वारा आवंटित राशि का उपयोग जिला मुख्यालय पर उन छात्रावासी बालिकाओं की कैरियर काउंसलिंग के लिए किया जाएगा तथा छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग कराई जाएगी। इस संबंध में कलेक्टर द्वारा योजना तैयार करने के लिए महिला बाल विकास विभाग की सहायक संचालक सुश्री अंकिता पंड्या को निर्देशित किया गया।
बैठक में बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण ग्रामीण क्षेत्रों में किया जा रहा है इनके लिए भूमि आवंटित की गई है। हाउसिंग बोर्ड को भी कुछ स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण का जिम्मा सौंपा गया है। हाउसिंग बोर्ड कार्यपालन यंत्री ने बताया कि उनके पास 17 उप स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण का दायित्व है जिनमें से 10 में कार्य आरंभ कर दिया गया है। कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा में निर्देशित किया कि विभाग के उपस्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात 163 सर्किल हेल्थ ऑर्गेनाइजर का वेतन तभी आहरण किया जाएगा जब जिला मुख्यालय के कंट्रोल रूम से उनकी उपस्थिति वेरीफाइड होगी। कलेक्टर द्वारा बैठक में अनुपस्थिति परआयुष्मान कार्ड निर्माण के संबंध में जिले के लिए नियुक्त कोऑर्डिनेटर श्री धाकड़ का एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए गए।
मुख्यमंत्री हेल्पलाइन की भी समीक्षा की गई। बताया गया कि पशुपालन विभाग की मात्र एक शिकायत निराकरण के लिए बची है, तकनीकी शिक्षा विभाग में सभी शिकायतें निराकृत कर दी गई है। जल संसाधन विभाग में दो शिकायतें अपूर्ण है। खनिज विभाग का परफॉर्मेंस अच्छा नहीं है, विभाग डी कैटेगरी में है। वन विभाग का भी प्रदर्शन खराब है। मौजूद एसडीओ ने बताया कि जो शिकायत है नीलगाय से संबंधित हैं जिनका निराकरण नहीं हो पा रहा है। सामाजिक न्याय विभाग का परफॉर्मेंस खराब है, अधिकारी को गंभीरता से काम करने के लिए निर्देशित किया गया। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग का काम भी बहुत खराब है। विभाग से संबंधित कई सारी शिकायतें पेंडिंग है। वित्त विभाग का प्रदर्शन जिले में सबसे खराब पाया गया। सीएम हेल्पलाइन में 293 शिकायतें जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक से संबंधित है। इस संबंध में कलेक्टर द्वारा जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक के प्रति सख्त नाराजगी व्यक्त की गई। जनपदों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को भी चेतावनी दी गई कि इस बार यदि 85 से कम अंक रैंकिंग में आए तो कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
कलेक्टर द्वारा शासकीय वाहनों के ड्राइवरों के लिए कलेक्ट्रेट परिसर में शेड निर्माण, सीटिंग चेयर तथा पंखे की व्यवस्था लोक निर्माण विभाग को करने के लिए निर्देशित किया गया। बैठक में बताया गया कि शहर में दिव्यांग पार्क निर्माण का प्रस्ताव शासन को उपसंचालक पंचायत द्वारा भेजा जाना है। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती जमुना भिड़े ने बताया कि जिला पंचायत के पास लगभग एक करोड रुपए आश्रय निधि है जिसका उपयोग विकास कार्य में किया जाना है। कलेक्टर श्री पुरुषोत्तम ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि ग्रामीण क्षेत्रों में एवं विकास मुल्क कार्य उक्त राशि से किए जा सकते हैं जिन कार्यों से शासन को राजस्व भी प्राप्त हो सकेगा।