-कई पत्रकार संगठन अधिमान्य शब्द का दुरूपयोग कर रहे है-श्री जोशी
रतलाम। श्रमजीवी पत्रकारों की प्रतिनिधि संस्था मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ का सदस्यता अभियान 15 दिसंबर तक चलेगा। इसके पश्चात किसी भी पत्रकार साथी को सदस्यता नहीं प्रदान की जाएगी। यह सदस्यता अभियान 15 अक्टूंबर से प्रारंभ किया गया है। सदस्यता अभियान के दौरान काफी संख्या में पुरानों के साथ ही नए सदस्य भी जुड़े है। यह अभियान जिला इकाईयों के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों में संचालित हो रहा है।
वरिष्ठ मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष शरद जोशी ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण यह अभियान इस वर्ष 15 अक्टूंबर से प्रारंभ किया गया था ताकि सभी जिलो में सदस्यता अभियान के दौरान साथियों को सदस्य बनने में अधिक समय मिल सके, क्योंकि कोरोना संक्रमण के कारण कई जिलों में स्थिति भयावह बनी हुई है और यह आने वाले समय में भी बनी रहेगी। इसी को देखते हुए यह अभियान जल्द ही प्रारंभ किया गया था। सभी साथियों से आग्रह है कि वह 15 दिसंबर से पूर्व सदस्यता प्राप्त कर ले , ताकि जनवरी में उन्हें सदस्यता कार्ड प्राप्त हो सके।
श्री जोशी ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष शलभ भदौरिया ने निर्देशित किया है कि सदस्यता के समय हमें इस बात का विशेष ध्यान रखना है कि फर्जी पत्रकारों की सदस्यता न हो। आजकल ऐसे पत्रकारों की बाढ़ सी आ गई है, जो पत्रकारों के नाम पर भयादोहन या ब्लेकमेल कर रहे है। हमारे संगठन से मिलते-जुलते नाम से भी संगठन बन गए है, जिनसे पत्रकारों को भ्रम हो रहा है।
जिला इकाईयों से कहा गया है कि किसी भी समानांतर या जातिगत आधार पर बने संगठनों की सदस्यता हमारे सदस्य न ले इस बात का हमें विशेष ध्यान र्रखना है। साथ ही ऐसे पत्रकारों को भी सदस्य नहीं बनाना है जो अन्य सामांतर संगठन से जुड़े होकर सदस्यता प्राप्त किए हुए है।
श्री जोशी ने यह भी कहा कि पत्रकार संगठनों ने अपने कार्ड पर अधिमान्य शब्द का उपयोग किया हुआ है जिससे पत्रकार भ्रमित होकर हमें शिकायत करते है। हमने इस संबंध में शासन को भी अवगत करवाया है। अधिमान्य शब्द का उपयोग केवल मध्यप्रदेश शासन द्वारा किया जाता है, क्योंकि अधिमान्यता शासन द्वारा गठित समिति द्वारा ही प्रदान की जाती है, उसके भी नियम बने हुए है। इसलिए कोई भी पत्रकार संगठन अपने सदस्यता कार्ड पर अधिमान्य शब्द का उपयोग नहीं कर सकता।
श्री जोशी ने बताया कि संगठन के नियमानुसार सदस्यता फार्म के साथ संवाददाता पत्र या संवाददाता कार्ड की छाया प्रति अनिवार्य रुप से प्रदान करें। सदस्यता जिला इकाई के माध्यम से ही होगी।
पत्रकारों को कर्मवीर माना जाएं
श्री जोशी ने पुन: दोहराया कि पत्रकार साथी कोरोना महामारी में शासन-प्रशासन का कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग कर रहे है। पत्रकारों को भी कर्मवीर की श्रैणी में माना जाए , साथ ही उन्हें आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाए, क्योंकि कई पत्रकार साथी अखबारों की छटनी के शिकार हुए तो कई को सेवा से पृथक कर दिया गया है। कई पत्रकार साथी कोरोना काल में मौते के आगोश में समां गए है उनके परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष शलभ भदौरिया ने भी मुख्यमंत्रीजी को पत्र लिखकर इस संबंध में ध्यान आकर्षित किया , लेकिन अभी तक शासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है, उम्मीद की जा रही है कि संवेदनशील मुख्यमंत्री इस ओर शीघ्र ध्यान देंगे।