- संभाग में इस वर्ष प्राकृतिक खेती पर दिया जायेगा विशेष ध्यान
- कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा ली गई संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक
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इन्दौर । इंदौर संभाग में इस वर्ष खरीफ में 22 लाख 47 हजार से अधिक हेक्टेयर में फसलें बोयी जायेगी। संभाग में मुख्य रूप से सोयाबीन, कपास, मक्का आदि की बोनी होगी। संभाग में इस वर्ष प्राकृतिक खेती पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। किसानों को प्रोत्साहित किया जायेगा कि वे प्राकृतिक खेती को अपनाएं। संभाग में कम लागत में अधिक कृषि उत्पादन प्राप्त करने के लिये सुक्ष्म कार्ययोजना तैयार की गई है।
इस कार्ययोजना की संभाग स्तरीय समीक्षा के लिये कृषि उत्पादन आयुक्त श्री शेलेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा, इंदौर जिला कलेक्टर श्री मनीष सिंह सहित संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर्स, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
मांग अनुसार समय पर खाद, बीज उपलब्ध कराने की व्यवस्था
वीडियों कांफ्रेसिंग के माध्यम से यह बैठक विभिन्न सत्रों में आयोजित की गई। बैठक में कृषि सहित इससे जुड़े हुये वे सहकारिता, पशुपालन, उद्यानिकी, मत्स्य पालन, डेयरी आदि विभागों की विभागीय गतिविधियों की समीक्षा की गई। बैठक में श्री शेलेन्द्र सिंह ने बताया कि इंदौर संभाग में किसानों को समय पर उनकी मांग अनुसार खाद, बीज सहित अन्य कृषि आदान उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि गत वर्ष के माहवार वितरण की जानकारी एकत्र कर उसके अनुसार खाद, बीज का भंडारण सुनिश्चित कर लें।
प्राकृतिक खेती के लिये 11 हजार किसानों ने कराया पंजीयन
बैठक में संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने बताया कि राज्य शासन के निर्देशानुसार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिये इंदौर संभाग में विशेष प्रयास किये जा रहे है। इसके तहत संभाग के सभी जिलों में एक हजार 223 अधिकारी-कर्मचारियों को प्राकृतिक खेती के बारे में प्रशिक्षित किया जा चुका है। यह अधिकारी-कर्मचारी मैदानी स्तर पर जाकर किसानों को प्राकृतिक खेती के लिये प्रोत्साहित करेंगे। इनके द्वारा ग्रामीण स्तर पर शिविर लगाने के कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया है। संभाग में अभी तक लगभग 11 हजार किसानों ने प्राकृतिक खेती के लिये अपना पंजीयन भी करा लिया है। श्री शेलेन्द्र सिंह ने निर्देश दिये कि प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों की जानकारी राजस्व अभिलेख में दर्ज की जाये।
ब्रिस्क योजना की तरह होगी सहकारी बैंकों की बकाया ऋण वसूली
बैठक में सहकारिता विभाग की समीक्षा के दौरान संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने सुझाव दिया कि सहकारी बैंकों बकाया ऋण वसूली के कार्य में तेजी लाने के लिये जरूरी है कि बकाया ऋण वसूली ब्रिस्क योजना की तरह की जाये तथा इस योजना के तरह ही वसूली करने वाले अधिकारियों को प्रोत्साहन राशि भी दी जाये। संभागायुक्त के इस सुझाव पर सहमति देते हुये श्री शेलेन्द्र सिंह ने निर्देश दिये कि भविष्य में अब सहकारी बैंकों की वसूली ब्रिस्क की योजना की तरह ही की जायेगी एवं प्रोत्साहन राशि भी उक्त योजना के तरह मिलेगी।
उद्यानिकी का रकबा बढ़ेगा
उद्यानिकी विभाग की समीक्षा के दौरान निर्देश दिये गये कि उद्यानिकी का रकबा बढ़ाया जाये। एक जिला एक उत्पाद योजना का प्रभावी क्रियान्वय सुनिश्चित हो। मत्स्य पालन विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि मत्स्य उत्पादन बढ़ाने के प्रयास किये जाये। मत्स्य उत्पादन की विक्रय की समुचित व्यवस्था की जाये। मत्स्य बीज उत्पादन में संभाग को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किये जाये। नए बनने वाले तालाबों में भी मत्स्य पालन का कार्य शुरू किया जाये।
पशु चिकित्सा एवं पशुपालन विभाग की समीक्षा के दौरान निर्देश दिये गये कि चारा विकास कार्यक्रम एवं पशुओं के टीकाकरण पर विशेष ध्यान रखा जाय । पशुपालकों के किसान क्रेडिट कार्ड बनाने पर भी ध्यान दिया जाये । इस कार्य में गति लायी जाय 7 कृत्रिम गर्भाधान कार्य में विशेष ध्यान देवें ।
कुक्कुट, सुकर, तथा बकरी पालन को बढ़ावा दिया जायेगा
संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने कहा कि संभाग में अब कुक्कुट, सुकर, तथा बकरी पालन को बढ़ावा दिया जायेगा। इस संबंध में क्रियान्वित योजना का प्रभावी क्रियान्वयन होगा। उन्होंने बताया कि पशुपालन के संबंध जनजागृति लाने तथा युवाओं से जोडऩे के लिये युवा संसंद का आयोजन किया जायेगा। निर्देश दिये गये कि संभाग में कड़कनाथ की बिक्री को प्रोत्साहित किया जाय। इन्दौर में 73 मिल्क पार्लर संचालन की अनुमति दी जायेगी।
मिल्क पार्लर की अनुमति ऐसी जगह दी जायेगीजिससे की अतिक्रमण की प्रवृत्ति बढ़े नहीं
कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने दुग्ध संघ द्वारा स्थापित किये जाने वाले मिल्क पार्लर की नीति में बदलाव लाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी जगह मिल्क पार्लर स्थापित किये जाय, जहाँ अतिक्रमण की प्रवृति नहीं बढ़े। प्राय: यह देखा जाता है कि मिल्क पार्लर की आड़ में अन्य गुमटिया लग जाती है, जो शहर हित में नहीं है। इस सुझाव से वरिष्ठ अधिकारी सहमत थे। उन्होंने कहा कि अब प्रयास किये जायेंगे कि मिल्क पार्लर की अनुमति ऐसी जगह दी जायेगी जिससे की अतिक्रमण की प्रवृत्ति बढ़े नहीं।