रतलाम । इस बार जिले के विकासखण्ड आलोट, जावरा, पीपलौदा, रतलाम में कृषकों द्वारा पीला सोना कहे जाने वाली सरसों की फसल अब क्षेत्र में लहलहाने लगी है। जिले में इस वर्ष 11 हजार हैक्टेयर में सरसों की खेती कृषकों द्वारा की गई है, जो कि विगत वर्ष की तुलना में 4 हजार हैक्टेयर अधिक है।
भारत सरकार एवं म़.प्र. सरकार देश को तेल में आत्म निर्भर बनाने के लिये तिलहनी फसलों को प्रोत्साहित कर रहा है। इसी को साकार करने के लिये जिले के कृषि विभाग के उप संचालक कृषि श्री विजय चौरसिया द्वारा बताया गया है कि जिले के 1100 कृषको को सरसों की किस्म पी.एम.0031 का 50 क्विंटल बीज कृषकों को नि:शुल्क वितरित किया गया है तथा उसको कृषकों द्वारा लगाया गया है जिससे आलोट, ताल, जावरा, पिपलौदा में चारों तरफ पीले-पीले खेत दिखाई दे रहे हैं। मार्केट में कृषकों को सरसों के दाम भी अच्छे मिल रहे हैं। साथ ही सरसों कम लागत में अधिक उत्पादन तथा कृषकों को अधिक लाभ देने वाली फसल है। विभाग द्वारा वितरित सरसों के बीज का उत्पादन 18-20 क्विंटल प्रति हैक्टेयर आयेगा।