कलेक्टर ने सुकली गांव में किया किसान पाठशाला, गौशाला, किसान नाडेफ एवं बायोगैस का निरीक्षण

राजगढ़ | जिले में चल रही किसान खेत पाठशाला कार्यक्रम अंतर्गत कलेक्टर श्री नीरज कुमार सिंह सुबह 6 बजे नरसिंहगढ़ के सुकली गांव में पहुंचे। जहां पर ग्रामीणों ने सुबह-सुबह अपने बीच कलेक्टर को पाकर खुशी जाहिर की तत्पश्चात ग्रामीणों ने कलेक्टर श्री सिंह का स्वागत किया। इस दौरान एस.डी.एम. नरसिंहगढ़ श्री अमन वैष्णव, कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अखिलेश श्रीवास्तव, सहायक संचालक कृषि श्री वसीम खान, सी.ई.ओ. जनपद पंचायत नरसिंहगढ़, तहसीलदार व अन्य कृषि विभाग, पशुपालन विभाग. उद्यानिकी विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहें। कलेक्टर श्री सिंह ने सर्वप्रथम गांव में पहुंचकर गौशाला का निरीक्षण किया। सी.ई.ओ. जनपद पंचायत को वर्मीकंपोस्ट एवं गोकास्ट की इकाइयां स्थापित करने हेतु निर्देश दिए। साथ ही कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक ने बताया कि गौशाला के पास शासकीय भूमि में बहुवर्षीय नेपियर घास का उत्पादन किया जाए। जिससे कि पूरे साल को पशुओं को हरा-भरा चारा मिल सके। साथ ही कृषि जीव अपघटक से जैविक खादों का उत्पादन किया जावे। कलेक्टर ने गौशालाओं को आर्थिक गतिविधियों से जोड़ने के निर्देश दिए।
गांव में ग्रामीणों ने पेयजल की उपलब्धता हेतु स्टॉप डेम एवं वाटर हार्वेस्टिंग एवं रिचार्जिंग गतिविधियों की मांग की। कलेक्टर ने ग्रामीणों को समझाइश दी कि वह कैसे कम पानी में अधिक उत्पादन प्राप्त करें। तथा अपनी इनपुट लागत को कम करके अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें। इसके लिए कलेक्टर द्वारा ग्रामीण जनों को बताया गया कि वर्षा जल का पानी का बहाव को रोकने हेतु वॉटर स्टॉरेज के विभिन्न तरीकों से अवगत करवाया तथा सिंचाई की तकनीक जैसे फवारा विधि, टपक विधि का उपयोग करने से कम पानी मे अधिक क्षेत्र सिंचाई अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। इस दौरान कलेक्टर ने पानी की उपलब्धता करने हेतु सी.ई.ओ. जनपद को निर्देश दिए।किसान खेत पाठशाला में किसानों को गेहूं, चना, मसूर, धनिया, आलू, लहसुन और प्याज के बारे में समसामयिक उन्नत सिंचाई विधिया, रोग व्याधि से बचाव हेतु विस्तार से प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही कृषि में उपयोगी समस्त किस्मो को उनकी उपयोग क्षमता बढ़ाने हेतु अनेक उन्नत तकनीकी एवं सुझाव दिए। संतरा फसल में फल बाहर को नियंत्रित एवं प्रतिवर्ष नियोजित करने हेतु और विभिन्न हार्मोन्स के बारे में जानकारी दी। इसके साथ ही खेती की लागत कम करने हेतु एवं किसानों की आय दोगुनी करने हेतु किसानों को जैविक खाद उत्पादन हेतु प्रेरित किया गया एवं जैविक खाद उत्पादन की अनेक विधियों की चर्चा की गई।
किसानों के द्वारा उन्नत खाद उत्पादन तकनीक पर विस्तार से चर्चा की गई। साथ ही केंचुआ खाद उत्पादन मैं जिले की कृषि जलवायु के लिए तीन केंचुए प्रजातियों का प्रशिक्षण दिया गया एवं केचुआ उत्पादन की कम लागत विधियों पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया। इसके अतिरिक्त किसानों द्वारा वर्तमान समय में खेतों में खड़ी हुई फसलों के बारे में जो प्रश्न किए गए हैं उनका भी मौके पर ही संतुष्ट किया गया।
रबी फसलों की जल उपयोग की दक्षता बढ़ाने हेतु अनेक तकनीकी बिंदुओं पर चर्चा की गई। सहायक संचालक कृषि श्री वसीम खान ने किसानों की आय दोगुनी करने हेतु अनेक मूल्य संवर्धन कृषि तकनीकों पर कुटीर उद्योग स्थापित करने हेतु अनेक सुझाव दिए। कलेक्टर श्री सिंह ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि अगली खेत पाठशाला में डी-वार्मिंग, पशुनस्ल सुधार एवं फीडिंग मैनेजमेंट पर प्रशिक्षण आयोजित किया जावे।
उद्यानिकी विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया कि किसानों की आय वृद्धि हेतु उपलब्ध फल प्रजातियों के मूल्य संवर्धन के लिए विधिवत प्रयास किए जावे जिससे कि किसानों की आय में वृद्धि हो सके। कलेक्टर श्री सिंह ने श्री राधेश्याम राजपूत के खेत का भ्रमण कर जैविक खाद उत्पादन, केंचुआ खाद उत्पादन इकाई, नाडेफ इकाई एवं कृषि जैव अपघटक इकाई का जायजा लिया। साथ ही किसानों को बताया कि खेती की लागत कम करने हेतु जैविक उत्पादक इकाइयां स्थापित करें।