रतलाम । श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करने के बाद अपने बच्चों को संसार नही संस्कार देने की आवश्कता है। आज कोशल्या माता को राम जैसे पुत्र की आवश्यकता है। राम को हनुमान जैसे भक्त की आवश्यकता है। देवकी को कन्हैया जैसे पुत्र की आवश्यकता है। कन्हैया को सुदामा जैसे मित्र की आवश्कता है। धन्य है वो मां जो अपने बेटे को पढ़ा लिखा कर देश सेवा के लिए फोज में भेज देती है। धन्य है वो बेटा जो देश के लिए शहीद होने के लिए तैयार हो जाता है। माता-पिता और गुरू का आदर करने वाली संतान को ही हर क्षैत्र में सफलता प्राप्त होती है।
उक्त विचार कथा वाचक पं. हेमन्त जी व्यास ने खांदेल परिवार द्वारा आयोजित मां पद्मावती मंदिर प्रागंण जवाहर नगर में चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के विश्राम दिवस पर व्यक्त किए।
उन्होन कहा कि सुदामा चरित्र प्रसंग हमें यह सीखाता है कि हम कितना ही गरीब निर्धन बन जाएं लेकिन भगवान का साथ कभी नही छोडऩा चाहिए। संपति, रूप और पद हमेशा साथ नही रहता इनका अभिमान कभी नही करना चाहिए।
कथा में पोथी पूजन व पं. हेमन्त जी व्यास का शाल, श्रीफल व साफा बांधकर सम्मान पूर्व पार्षद राजीव रावत, आशा रावत, बलवीरसिंह सोढ़ी, भगवती शर्मा, ईश्वर बाबा, जितेन्द्रसिंह सोलंकी, जगदीश सूर्यवंशी, भरत नगावत आदि द्वारा किया गया। महाआरती के बाद ढोल-ढमाकों के साथ निकले चल समारोह में अतिथि सहित बड़ी संख्या में क्षैत्र की महिलाएं व पुरूष उपस्थित थे।