ओंकारेश्वर सागर में बनेगा विश्व का सबसे बड़ा सोलर फ्लोटिंग पॉवर सेंटर

नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री डंग ने लिया तैयारियों का जायजा

खण्डवा | प्रदेश के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा, पर्यावरण मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग ने सोमवार को ओंकारेश्वर सागर जलाशय में स्थापित होने वाले 600 मेगावॉट क्षमता के सोलर फ्लोटिंग पॉवर प्लांट के लिये प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों की बैठक लेकर अब तक की गई तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान क्षेत्रीय सांसद श्री नंद कुमार सिंह चौहान, विधायक मांधाता श्री नारायण पटेल, खण्डवा विधायक श्री देवेन्द्र वर्मा, कलेक्टर श्री अनय द्विवेदी, मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम के प्रबंध संचालक श्री दीपक सक्सेना सहित विभिन्न विभागीय अधिकारी तथा जनप्रतिनिधि मौजूद थे। नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री डंग ने इस अवसर पर कहा कि खण्डवा जिले में ताप विद्युत परियोजना व जल विद्युत परियोजना के साथ साथ अब सौर ऊर्जा विद्युत परियोजना भी स्थापित होने जा रही है, जिससे खण्डवा जिला अब पॉवर हब बन जायेगा।
नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री डंग ने कलेक्टर श्री अनय द्विवेदी से कहा कि सौलर पॉवर प्लांट की सभी गतिविधियां समय पर पूरी हो। वन विभाग व अन्य विभागों के साथ समन्वय बनाकर सभी आवश्यक स्वीकृतियां समय पर मिल जायें, यह सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने बताया कि इस पॉवर प्लांट की डीपीआर इस माह तैयार हो जायेगी तथा जुलाई माह के अंत तक टेण्डर प्रक्रिया पूर्ण कर ली जायेगी। उन्होंने बताया कि जुलाई 2023 तक ओंकारेश्वर में सौलर फ्लोटिंग पॉवर प्लांट परियोजना अपनी पूरी क्षमता के साथ कार्य करना प्रारंभ कर देगी। नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री डंग ने बताया कि इंदिरा सागर व ओंकारेश्वर सागर में जल स्तर हर मौसम में लगभग स्थिर रहता है, इसलिए नर्मदा व कावेरी नदी के संगम के पास फ्लोटिंग पॉवर परियोजना के लिए लगभग 2 हजार हेक्टेयर स्थान चयनित किया गया है। नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री डंग ने बताया कि सौरल ऊर्जा की बिजली, ताप विद्युत परियोजना से उत्पादित बिजली की तुलना में काफी सस्ती होती है, क्योंकि इस प्रोजेक्ट का मेन्टेंनेंस बहुत कम होता है। नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री डंग ने बताया कि शाजापुर, नीमच, आगर मालवा में भी सौर ऊर्जा के प्लांट स्थापित किए जा रहे है।
सांसद श्री चौहान ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी दूर दृष्टा है। उनकी दूरदर्शी सोच के परिणाम स्वरूप सौर ऊर्जा व पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित हो रहे है। उन्होंने कहा कि ताप विद्युत परियोजनाओं से बहुत प्रदूषण होता है तथा कोयले के भण्डार एक सीमा के बाद खत्म हो जायेंगे। इसलिए अब नवीन व नवकरणीय विभाग का दायित्व बढ़ गया है, क्योंकि सौर ऊर्जा व पवन ऊर्जा से बिजली तैयार करने के लिए असीमित संसाधन उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि जिले के ग्राम छिरवेल में 200 मेगावॉट व ओंकारेश्वर के 600 मेगावॉट मिलाकर कुल 800 मेगावॉट क्षमता का सौलर विद्युत उत्पादन जिले में होने लगेगा, जो कि देश में किसी एक जिले में सर्वाधिक है।
विधायक श्री देवेन्द्र वर्मा ने इस अवसर पर कहा कि ताप विद्युत व जल विद्युत परियोजना के बाद सौर ऊर्जा विद्युत परियोजना स्थापित होने से खण्डवा जिले के विकास को नई गति मिलेगी। मांधाता विधायक श्री पटेल ने इस अवसर पर कहा कि इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर सागर की स्थापना के लिए खण्डवा जिले के ग्रामीणों बहुत बड़ा त्याग किया है, जिले के लगभग 300 गांव विस्थापित किए गए है, जिससे हजारों ग्रामीणों को परेशानी उठाना पड़ी। इस त्याग के कारण ही आज खण्डवा जिले में देश के सबसे बड़े सौर ऊर्जा व जल विद्युत संयंत्र स्थापित हो सके है।
प्रबंध संचालक श्री सक्सेना ने कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन करते हुए बताया कि इस प्रोजेक्ट का अनुमानित निवेश 3 हजार करोड़ रूपये है। इंटरनेशनल फाइनेंस कार्पोरेशन, वर्ल्ड बैंक और पॉवर ग्रिड ने परियोजना विकास में सहयोग के लिये सैद्धांतिक सहमति दे दी है। इसी माह पॉवर ग्रिड द्वारा परियोजना क्षेत्र से खंडवा सब-स्टेशन तक ट्रांसमिशन लाईन रूट सर्वे का कार्य शुरू किया जायेगा। परियोजना क्षेत्र के पर्यावरण और सामाजिक प्रभाव संबंधी अध्ययन के लिये भी निविदा जारी की जा रही है। मध्यप्रदेश पॉवर मेनेजमेंट कंपनी द्वारा परियोजना से 400 मेगावॉट विद्युत क्रय किये जाने के लिये सहमति दी जा चुकी है। श्री सक्सेना ने बताया कि सौलर पॉवर परियोजना में निजी निवेशकों का धन निवेश होता है और प्रोजेक्ट में देरी होने पर सरकार को पैनल्टी के रूप में निजी निवेशकों को भुगतान करना पड़ता है, इसलिए सौलर प्लांट लगने में देरी नहीं होगी और सभी कार्य समय सीमा में पूर्ण हो जायेंगे।