कलेक्टर श्री डाड ने समय सीमा पत्रों की समीक्षा बैठक में दिए निर्देश
रतलाम । जिले के सभी एसडीएम फिल्ड में सघन भ्रमण करें, इस दौरान पात्रता पर्ची धारकों से बात करें देखें कि उनको खाद्यान्न उपलब्ध हुआ अथवा नहीं। यह निर्देश कलेक्टर श्री गोपालचंद्र डाड ने सोमवार को समय सीमा पत्रों की समीक्षा बैठक में दिए। कलेक्टर द्वारा बैठक में विभिन्न शासकीय योजनाओं, कार्यक्रमों की समीक्षा की गई। बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्री संदीप केरकेट्टा, अपर कलेक्टर श्रीमती जमुना भिड़े, एसडीएम श्री अभिषेक गहलोत, श्री एम.एल आर्य, डिप्टी कलेक्टर सुश्री शिराली जैन, निगमायुक्त श्री सोमनाथ झारिया तथा अन्य जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में कलेक्टर ने सभी एसडीएम के साथ तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को निर्देशित किया कि ग्रामीण क्षेत्र में फसल गिरदावरी गुणवत्ता के साथ सुनिश्चित की जाए। देखें कि पटवारी गड़बड़ तो नहीं कर रहा। अधिकारी रैंडम चेक करें। किसान द्वारा बोई गई फसल का बगैर गड़बड़ी के सत्यापन हो, फर्जी सत्यापन नहीं हो। समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के लिए आगामी 25 जनवरी से किसान पंजीयन आरंभ किया जा रहा है, जो फसल जितने रकबे में किसान ने बोई है वही फसल गिरदावरी के दस्तावेज में प्रदर्शित हो।
कलेक्टर द्वारा डीपीसी को निर्देशित किया गया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत फीस की प्रतिपूर्ति की विगत 3 वर्षों की जानकारी प्रस्तुत करें। इस संबंध में डीपीसी द्वारा कार्य नहीं किए जाने पर कलेक्टर द्वारा सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए स्पष्ट कहा कि जी सर कहने से काम नहीं चलेगा, काम करना पड़ेगा। बर्ड फ्लू के संबंध में प्रभारी उप संचालक डॉक्टर जैन ने बताया कि जिले में बर्ड फ्लू संबंधी कोई समस्या नहीं है।
मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में लंबित शिकायतों के निराकरण की समीक्षा भी कलेक्टर द्वारा की गई। पाया गया कि अब जिला आपूर्ति विभाग के कनिष्ठ तथा सहायक आपूर्ति अधिकारियों द्वारा गुणवत्ता के साथ कार्य किया जा रहा है जिससे शिकायतों का संतुष्टि पूर्वक निराकरण हो रहा है। बिलपांक क्षेत्र के एक आवेदक के भूमि नामांतरण आवेदन का विगत 4 माह से ज्यादा अवधि में भी निराकरण नहीं होने पर नायब तहसीलदार बिलपांक के प्रति नाराजगी व्यक्त की गई। इसी तरह पिपलोदा क्षेत्र के ग्राम शेरपुर में किसी अन्य के नाम नामांतरण किए जाने पर प्रकरण में कलेक्टर द्वारा पिपलोदा तहसीलदार के प्रति नाराजगी व्यक्त की गई। इसके अलावा कलेक्टर द्वारा नामली नायब तहसीलदार के प्रति भी सख्त नाराजगी व्यक्त की गई। यहां नामांतरण के एक प्रकरण में जहां संतुष्टि पूर्वक निराकरण हो सकता था परंतु नायब तहसीलदार द्वारा अब तक संतुष्टि पूर्वक समाधान नहीं किया जा सका है।
राजस्थान साइड से आने वाले रेत डंफर चेक करने के निर्देश भी कलेक्टर द्वारा बैठक में एसडीएम जावरा को दिए गए। कलेक्टर ने कहा कि राजस्थान से बालू रेत भरकर डंफर जिले में जावरा होते हुए आते है उन्हें चेक किया जाए देखें कि अवैध उत्खनन, अवैध परिवहन तो नहीं है। इस संबंध में जिला खनिज अधिकारी को भी निर्देशित किया गया कि जिले में खनिज के अवैध उत्खनन, परिवहन, भंडारण पर कड़ी निगरानी रखी जाए। इस संबंध में लापरवाही नहीं बरतें।
शहर के लिए मात्र 2 लाख रुपए के खर्च में हो जाएगा क्रेन का इंतजाम
बैठक में निगमायुक्त श्री सोमनाथ झारिया ने बताया कि नगर निगम के पास वर्तमान में क्रेन उपलब्ध नहीं है। पूर्व में 76 हजार रूपए प्रति माह किराए पर क्रेन लगाई गई थी जो हटा दी गई है। अब निगम परिसर में रखे हुए कबाड़ के वाहनों से पीथमपुर में क्रेन निर्मित कराई जा रही है। जिस पर मात्र 2 लाख रूपए का खर्च आएगा। अल्प राशि में निगम के लिए क्रेन का इंतजाम हो जाएगा, जबकि नई क्रेन का मूल्य लगभग 35 लाख रुपये है। पीथमपुर में बनवाई जा रही क्रेन आगामी दो-तीन दिनों में रतलाम आ जाएगी।
निगमायुक्त ने यह भी बताया कि मवेशियों की समस्या शहर से लगभग समाप्त कर दी गई है। अब तक साडे पांच सौ से ज्यादा मवेशी शहर से अन्यत्र स्थानों तथा गौशालाओं में भेजे जा चुके हैं।