मध्यप्रदेश में नई लहसुन की आवकें 22 जनवरी को 50-60 हजार बोरी की आवक होने की चर्चा
रतलाम 23 जनवरी 2021 (मोतीलाल बाफना)। मध्यप्रदेश में प्रतिवर्ष जनवरी माह में नई लहसुन की आवकें अच्छी शुरू हो जाती है । इस वर्ष फसलें लगभग १ माह लेट होने की चर्चा उत्पादक कृषकों और व्यापारियों में थी लेकिन इस वर्ष 15 जनवरी के बाद से मध्यप्रदेश लहसुन बिक्री मंडी ंिछंदवाड़ा (नागपुर) नीमच, पिपल्यामंडी, मंदसौर, दलौदा, जावरा, सैलाना, उज्जैन, इंदौर, बदनावर, बडऩगर, पिपलौदा, बड़ावदा, सिहोर, नरसिंहगढ़, व्यावरा, शाजापुर,सारंगपुर, सुजालपुर, आष्टा भोपाल आदि मंडियों में से अधिकांश मंडियो में नई लहसुन की आवक अच्छी आना शुरू हो गई । 22 जनवरी को नीमच, मंदसौर, इंदौर, दलौदा, पिपल्यामंडी, रतलाम आदि कुछ मंडियों में आवकें जोरदार होने के कारण उस दिन की आवकें प्रदेश की सभी मंडियों की मिलाकर लगभग 50-60 हजार बोरी की आवक होने की चर्चा है। जिसके कारण नई लहसुन के भावों में तेजी-मंदी का दौर क्वालिटी अनुसार मालों में रहा है। नई लहसुन जो आ रही है उसमें बड़ा फुल गोला टाईप माल की आवकें कम रहने की चर्चा है । एक चर्चा के अनुसार दो दिन की छुट्टी एवं 25 जनवरी सोमवार को मध्यप्रदेश प्रमुख लहसुन मंडियों में मिलाकर नई लहसुन की आवकें लगभग 90 हजार के आसपास व अधिक आवक भी होने की संभावना व्यक्त की जा रही है । उत्पादक कृषकों की चर्चाओं अनुसार इस वर्ष लहसुन की बुआई जोरदार होने के संकेत दे रहे है। अभी तक चर्चाओं के मुताबिक लहसुन में भारी नुकसान नहीं होने की चर्चा है । कई लहसुन व्यापार के जानकारों के अनुसार इस वर्ष लहसुन की बुआई जोरदार उतरने से लहसुन में जो लम्बी तेजी दीपावली के आसपास थी उन भावों पर खतरा मंडरा रहा है । एक बात यह भी चर्चा में है कि वर्तमान में पुरानी लहसुन की आवकें भी मध्यप्रदेश की कुछ मंडियों में अच्छी मात्रा में होने से पुराने लहसुन में भी बाजार चालें बहुत ही ढिली हो जाने की चर्चा है। राजस्थान के पुराने लहसुन में वहां की लहसुन मंडी कोटा (भामाशाह अनाज मंडी एवं सब्जी मंडी), बांरा, छिपाबड़ोद, प्रतापगढ़, छोटी सादड़ी, छाबड़ा, खानपुर, झालावाड़, निम्बाहेडा आदि छोटी-बड़ी मंडियों में आवकें पडऩे से क्वालिटी हलकी होने के कारण वहां पर भी लहसुन के भावों में अच्छी मंदी देखी गई। उत्तर प्रदेश के घिरोर, कुरावली, एटा, भोगांव, ईटावा, मैनपुरी आदि एवं गुजरात के गोंडल, जामनगर, राजकोट आदि क्षैत्र की मंडियों में पुराना लहसुन जो आवकें हो रही है उसमें बाजार चाल ढिली होने की भी चर्चा है । एक चर्चाओं के मुतबिक देशभर में नए लहसुन की डिमांड जैसी चाहिए वैसी नहीं निकलने के कारण फिलहाल दो-तीन दिनों में नई लहसुन के बाजार ढिले होते नजर आ रहे है वहीं उत्पादक कृषक खेतों में से गीला माल निकालकर लहसुन सुखाने का पावडर डाल कर सुखे टाईप माल दिखे ऐसा माल लाकर मंडियों में बेचे जाने की चर्चा है । वहीं मंडियों में कुछ व्यापारी ज्यादा गीला माल खरीदते है वे भी माल को सुखाने की विधि अपनाकर अपना माल लोड कर भेजे जाने की चर्चा है । वैैसे फरवरी माह में लहसुन की आवकें पुरे प्रदेश में अच्छी आने की संभावना है । नया ऊंटी लहसुन भी २६ जनवरी बाद अच्छी मात्रा में मंडियों में आएगा और उसकी डिमांड ज्यादातर तमिलनाडु, दिल्ली, पंजाब, मुम्बई आदि राज्यों में रह सकती है। 22 जनवरी को प्रदेश की मंडियों में नया लहसुन कच्चा-पक्का क्वालिटी अनुसार देशी माल 3000 से 6000 तक जनरल भाव रहने की चर्चा है वहीं ऊंटी माल 5000 से 9500 तक क्वालिटी अनुसार रहने की चर्चा है । राजस्थान का नया लहसुन मार्च माह में प्रारम्भ होगा ऐसी चर्चा है । वहां पर भी चर्चाओं के मुताबिक कुछ उत्पादक क्षैत्रों में लहसुन की फसलों कों नुकसान होने की चर्चा बता रहे है तो कुछ क्षैत्रों में नए लहसुन की फसलें जोरदार हो सकती है ऐसी चर्चा है । क्योंकि लहसुन की फसलों को जो नुकसान हुआ था वह दवाईयों के माध्यम से कृषि वैज्ञानिक फसल को ठीक करने का प्रयास चल रहा है । जिससे राजस्थान की भी फसलें जोरदार हो सकती है । एक चर्चा के मुताबिक इस वर्ष गुजरात में भी लहसुन की फसल जोरदार आएंगी ऐसे कयास लगाए जा रहे है।