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तलाम । वर्तमान वैश्विक परिस्थितियों अत्यंत भयानक होती जा रही है भय संकट और आपदा के इस माहौल में मनुष्य और मनुष्यता दांव पर लग गई है संपूर्ण मानव जाति पर अस्तित्व का खतरा मंडरा रहा है दुनिया के मठाधीश चिंतित और असहाय दिखाई दे रहे हैं । वैज्ञानिक, डॉक्टर, प्रशासन और सरकारें सब ऊपर वाले की तरफ देख रहे हैं और देखें भी क्यों नहीं जब इंसानी प्रयत्न विफल होते है तो ईश्वर ही एकमात्र सहारा है जो हमें इस अंधेरी गुफा से निकाल सकता है । उम्मीद की रोशनी सिर्फ और सिर्फ भगवान ही दिखा सकता है और यह कार्य धरती पर एक मात्र जीवित भगवान हनुमान जी ही बेड़ा पार कर सकते हैं । इसलिए शिक्षक सांस्कृतिक संगठन ने हनुमान जयंती के अवसर पर उनके श्री चरणों में नमन करते हुए पृथ्वी पर शांति स्वास्थ्य और मनुष्य की रक्षा की कामना की ।
ऑनलाइन आयोजित हनुमान स्मरण कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ मुरलीधर चांदनी वाला में कहां की हनुमान जी जैसा पुरुषार्थ दुनिया में कहीं और नहीं दिखाई देता उनके चरित्र में समर्पण भक्ति और सेवा का भाव निहित इसलिए वे राम काज के सफल नेतृत्व करता थे । भगवान राम ने लंका पर विजय हनुमान जी के रण कौशल के माध्यम से प्राप्त की थी । हनुमान जी कुशल संगठक तथा बुद्धिमान सेवक के रूप में पूरी दुनिया के लिए एक आदर्श और पूजनीय योद्धा है उनके स्मरण मात्र से कार्य की सफलता निश्चित हो जाती है । ऐसे विकट समय में वही हमारे तारणहार है उनकी शरण में चलकर हमें परिस्थिति से लडऩा होगा तभी हमें विजय मिलेगी यह वक्त घबराकर बैठने का नहीं है अपितु अपनी उर्जा और पुरुषार्थ को संगठित कर इस महामारी से मुकाबला करने का है।
संस्था अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने कहा कि हनुमान जी हमारे सबसे प्रिय इष्टदेव है उनका चरित्र सहज सरल और प्रेरक है हनुमान जी की भक्ति मनुष्य में आत्मविश्वास और साहस जगाती है विप अदाओं से मुकाबला करने की शक्ति पैदा करती है यही हनुमान जी के चरित्र का प्रताप है नियमित हनुमान चालीसा का पाठ हमें इस विपदा से जल्दी से जल्दी मुक्ति दिलाए ।
संस्था सचिव दिलीप वर्मा ने कहा कि नासे रोग हरे सब पीरा जपत निरंतर हनुमत वीरा हनुमान जी सब रोगों का नाश करने वाले अद्भुत राम भक्त जीवित अजर अमर प्राप्त देवता है जिनका स्मरण विप अदाओं को हरने के लिए पर्याप्त है। वीरेंद्र कैथवास ने कहा कि बजरंगबली जैसा साहस और पुरुषार्थ इस महामारी से लडऩे के लिए प्रत्येक व्यक्ति में जगाना होगा । दशरथ जोशी ने कहा कि संकट से हनुमान झुलावे मन क्रम वचन ध्यान जो लागे संकटों से दूर करने की क्षमता और साम्र्थय सिर्फ हनुमान जी में हमें नियमित रूप से हनुमान जी का स्मरण करना होगा तभी हम इन संकट से मुक्त होंगे । देवेंद्र वाघेला शिवगढ़ ने कहा कि हनुमान जी का चरित्र सदियों से स्मरण करने योग्य है वह संकटों से मनुष्य को शीघ्र मुक्त करने वाले देवता है उनकी भक्ति मनुष्य में सकारात्मक ऊर्जा प्रभावित करती है । चंद्रकांत वाफगांवकर ने कहा कि भगवान हनुमान जी सब की रक्षा करेंगे वह दयालु है और भक्तों के दुख हरने में अग्रणी देवताओं में से एक है वह अपने भक्तों को ज्यादा परेशान नहीं रख सकते।
रमेश उपाध्याय और भारतीय उपाध्याय ने कहा कि हम पृथ्वी पर एक मात्र जीवित प्रभु हनुमान जी से विनती करते हैं कि प्रभु हम सब को स्वस्थ रखें सुरक्षित रखे । पूर्व प्राचार्य गोपाल जोशी ने कहा कि प्रभु शरण ही इस विपदा से मुक्त होने का एकमात्र रास्ता है और प्रभु हनुमान जी हम सब की गुहार सुनेंगे और जल्दी से जल्दी पूरी दुनिया को इस महामारी से मुक्त करेंगे डॉक्टर सुलोचना शर्मा ने कहा कि वैसे तो मनुष्य पर कई आपदाएं आती है लेकिन इस महामारी ने समस्त मानव जाति पर संकट खड़ा कर दिया है लेकिन हमें घबराने की आवश्यकता नहीं है भगवान हनुमान जी हमें इस संकट से जल्दी से जल्दी मुक्त करेंगे।
बीके जोशी ने कहा कि प्रभु बहुत दयालु है वह अपने भक्तों की पीड़ा समझते हैं हमारे दुखों से भगवान को भी तकलीफ होती है और हनुमान जी तो बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं मंच के सामूहिक प्रयास से निश्चित ही हनुमान जी इस महा बीमारी को नष्ट कर देंगे।
कृष्ण चंद्र ठाकुर ने कहा कि नियमित हनुमान भक्ति से मनुष्य से संकट दूर रहते हैं हनुमान जी हमें सही राह दिखाने वाले देवता हैं वह अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करते हैं। राधेश्याम तोगड़े ने कहा कि बजरंगबली जैसा कोई मैनेजमेंट गुरु नहीं है उन्होंने भगवान श्री राम की सेना का सफलतापूर्वक नेतृत्व करते हुए महाबली रावण को परास्त किया था और अब इस वैश्विक महामारी कोरोनावायरस को भी परास्त करेंगे। मदन लाल मेहरा और अर्पित मेहरा ने कहा कि हनुमान जी के गुणों महासागर के समान है यदि उन पर विश्वास किया जाए तो वह हमारी प्रार्थना को जल्दी स्वीकार करते हैं अपने भक्तों को सदैव प्रसन्न रखना चाहते हैं । रमेश चंद्र परमार ने कहा कि संपूर्ण हनुमान चालीसा और संकट मोचन हनुमान जी की विराट लीला का वर्णन करता है संपूर्ण रामायण हनुमान जी के चरित्र के बिना अधूरी है हमें उनकी शरण में रहना होगा तभी हमें दुखों से निजात मिलेगी ।
ऑनलाइन स्मरण दिवस में सर्व श्री नरेंद्र सिंह राठौर, मनोहर प्रजापति, मिथिलेश मिश्रा, रक्षा के. कुमार, कविता सक्सेना, वीणा छाजेड़, आरती त्रिवेदी, अनिल जोशी, कमल सिंह राठौड़, राजेंद्र सिंह राठौड़ आदि ने अपने विचार व्यक्त किए । संचालन दिलीप वर्मा तथा आभार दशरथ जोशी ने व्यक्त किया ।