कृषि अधिकारी किसानों को चने की विविध क्रॉप लेने को प्रेरित करें

युवा मत्स्य उद्योग से जुड़कर रोजगार प्राप्त करें, सभी गोवंश का टीकाकरण कर पहचान के लिये पीला टैग लगायें, कृषि उत्पादन आयुक्त ने उज्जैन संभाग की खरीफ फसलों की तैयारी की समीक्षा की

उज्जैन | मध्य प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त श्री केके सिंह ने आज उज्जैन संभाग के रबी 2020-21 के फसलों की समीक्षा की तथा खरीफ-2021 की फसलों को लेकर की जा रही तैयारियों का जायजा लिया। कृषि उत्पादन आयुक्त ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उज्जैन एवं उज्जैन संभाग के सभी जिलों में कृषि एवं उनसे सम्बन्धित संस्थाओं, सहकारिता, उद्यानिकी, पशुपालन एवं डेयरी तथा मछुआ कल्याण से सम्बन्धित योजनाओं की संभागीय समीक्षा की।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर्स एवं कृषि अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे किसानों को चने की विविध क्रॉप लेने के लिये प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि संभाग की मुख्य फसल गेहूं है लेकिन अब समय आ गया है कि चने की फसल को भी प्रोत्साहित किया जाये। चने का समर्थन मूल्य 5100 रुपये प्रति क्विंटल है। किसानों को प्रेरित किया जाये कि वे चने की फसल लगाकर लाभ कमायें। चने का रकबा बढ़ाया जाये। श्री सिंह ने कृषि अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे मसूर की खेती पर भी विशेष ध्यान केन्द्रित करें। मसूर की फसल का रकबा भी बढ़ाया जाये। उन्होंने मत्स्य विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि मत्स्य उद्योग में अपार संभावनाएं हैं। युवा वर्ग मत्स्य उद्योग से जुड़कर रोजगार प्राप्त करें। मत्स्य उद्योग से जुड़कर युवा प्रतिवर्ष 8 से 10 लाख रुपये तक कमा सकते हैं। आधुनिक तकनीक से दो हजार वर्गफीट जितनी छोटी जगह पर भी मछली पालन कर युवा दोगुना लाभ कमा सकते हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि मत्स्य सम्पदा योजना की राशि का शत-प्रतिशत उपयोग किया जाये और मनरेगा से छोटे तालाब एवं जलस्त्रोत का निर्माण किया जाये।
पशुपालन विभाग की समीक्षा के दौरान कृषि उत्पादन आयुक्त श्री सिंह ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे पशु नस्ल सुधार का कार्य निरन्तर करते रहें। प्रदेश में 500 गांवों को पशु नस्ल सुधार के लिये चिन्हित किया गया है। उन्होंने निर्देश दिये कि हर गोवंश एवं भैंसवंश का टीकाकरण प्राथमिकता से करके उन्हें पीला टैग लगायें, ताकि वे अलग से चिन्हित हो जायें कि इन पशुओं का टीकाकरण हुआ है। उन्होंने पशुओं का बीमा भी प्राथमिकता से करवाने के निर्देश दिये। श्री सिंह ने कहा कि गाय से प्राप्त दूध रोजगार का प्रमुख साधन है। उज्जैन संभाग में दूध का उत्पादन प्रमुखता से होता है। उन्होंने गौशालाओं का भी समुचित उपयोग करने के निर्देश दिये और कहा कि कोई भी पशु सड़कों पर विचरण करते न दिखे। उन्होंने हरे चारे में वृद्धि करने के निर्देश दिये और कहा कि पशुओं के लिये चारे का इंतजाम करना शासन की प्राथमिकता है। उन्होंने कृत्रिम गर्भधारण, पशु उपचार, टीकाकरण, नस्ल सुधार कार्यक्रम एवं पशुओं के स्वास्थ्य के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
उद्यानिकी विभाग की समीक्षा करते हुए श्री सिंह ने निर्देश दिये कि पौधों की जहां से भी मांग आयेगी, उसकी पूर्ति शासकीय नर्सरियों से की जायेगी। राष्ट्रीय विकास योजना वर्ष 2021-22 के अन्तर्गत उद्यानिकी क्षेत्रों का विस्तारीकरण किया जायेगा। संभाग में उद्यानिकी फसलों का रकबा एवं उत्पादकता बढ़ाई जायेगी। उन्होंने नर्सरियों के माध्यम से विभिन्न प्रजातियों के एवं मौसमी फलों के पौधे तैयार करने के निर्देश दिये। समीक्षा के दौरान उन्होंने सहकारी बैंकों की वित्तीय स्थिति, खरीफ-2021 में रासायनिक खाद के भण्डारण, समर्थन मूल्य पर लिंकिंग से बकाया ऋण की वसूली के सम्बन्ध में निर्देश जारी किये। उन्होंने इस वित्तीय वर्ष में बैंक धोखाधड़ी एवं गबन से सम्बन्धित जांच समिति की बैठक आयोजित करने के निर्देश दिये। श्री सिंह ने सहकारिता से जुड़े सभी किसानों को जून माह तक डेबिट कार्ड वितरित करने के निर्देश दिये और कहा कि गेहूं उपार्जन से सम्बन्धित सभी प्रकार का भुगतान किसानों के खातों में शीघ्र ही किया जाये।
उज्जैन संभागायुक्त श्री संदीप यादव ने बताया कि नीमच, मंदसौर में रेनफॉल के कारण किसान चना एवं मसूर की फसल की ओर आकर्षित हुए हैं। वहीं जहां पानी कम गिरता है वहां गेहूं की फसल ली जा रही है। कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने बताया कि गत वर्ष एक एवं दो वेराइटियों से अतिरिक्त सोयाबीन फसल ली गई थी। इस बार सीड ट्रीटमेंट पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस वर्ष विभिन्न वेराइटियों की फसल लगाने का विशेष प्रयास किया जायेगा। कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि फसल उत्पादन बढ़ाकर हानि को कम किया जाये। उज्जैन संभाग में सौदा-पत्रक से खरीदी को बढ़ावा दिया जाये। सौदा-पत्रक को प्रभावी बनाया जाये। कृषि उत्पादन आयुक्त ने बताया कि इंटर क्रॉप के लिये अब विभिन्न प्रकार की मशीनें उपलब्ध हैं। अब सोयाबीन के साथ खेतों में दूसरी फसल भी लगाई जा सकती है। विभिन्न मशीनों का प्रदर्शन ब्लॉकों में किया जाये, ताकि किसान इन मशीनों का उपयोग भी खेतों में कर सकें। उन्होंने निर्देश दिये कि पॉस मशीनों से ही फर्टिलाइजर का वितरण किया जाये। जून माह तक सभी जिलों में पर्याप्त मात्रा में फर्टिलाइजर उपलब्ध करा दिया जायेगा।
वीसी के दौरान भोपाल एनआईसी कक्ष में अपर मुख्य सचिव कृषि श्री अजीत केसरी, डायरेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल, प्रमुख सचिव श्री अश्विनी राय, श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव, श्री जेएन कंसोटिया आदि उपस्थित थे।