नीमच | माननीय म.प्र.उच्च न्यायालय जबलपुर के द्वारा समस्त अधीनस्थ न्यायालयों में कुछ प्रृकति के प्रकरणों में एक दिन छोडकर भौतिक, आभासी सुनवाई 23 नवम्बर से 5 दिसम्बर 2020 तक के लिये प्रयोगिक तौर प्रकरणों की सुनवाई बाबत दिशा निर्देश जारी किए गए है। उक्त निर्देशो के पालन में जिला स्थापना नीमच द्वारा पूर्व में जारी परिपत्रों में माननीय उच्च न्यायालय के उपरोक्त संदर्भित परिपत्र में दिए गए निर्देशो अनुसार न्यायालयों द्वारा किए जाने वाली कार्यावाही को 23 नवम्बर से 5 दिसम्बर 2020 तक की अविध के लिए विस्तारित किया गया है।
जिला न्यायाधीश श्री ह्देश द्वारा जारी आदेशानुसार 23 नवम्बर से 5 दिसम्बर 2020 तक एक दिन छोडकर 23, 25, 27 नवम्बर, एवं 1,3,5, दिसम्बर 2020 को सत्र न्यायालय एवं अपर सत्र न्यायालय, विशेष न्यायालय द्वारा एवं 24,26,28 नवम्बर व 2, 4 दिसम्बर 2020 को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट व अन्य सभी मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा रिमांड, जमानत व सुपुर्दगीनामा संबंधी, अपील व पुनरीक्षण (दोनो सिविल व आपराधिक, अंडर ट्रायल कैदियों से संबंधित मामले, 5 वर्ष से अधिक पुराने आपराधिक लंबित प्रकरण, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के क्लेम केसों में जमा राशियों के भुगतान संबंधी मामले, धारा 125,128 दंप्र.सं.से संबंधित मामले, बाल न्यायालय से संबंधित मामले, एडाप्शन से संबंधित प्रकरण, ऐसे प्रकरण जिनमें समझौता पेश किया जा चुका है। माननीय उच्चतम न्यायालय अथवा उच्च न्यायालय द्वारा निर्देशित ऐसे सिविल आपराधिक प्रकरण जिन्हे नियत अवधि में निराकृत किए जाने हेतु निर्देश जारी किए गए है। ऐसे अन्य अतिआवश्यक प्रकृति के सिविल एवं आपराधिक प्रकरण जिसे न्यायालय सुनवाई हेतु अतिआवश्यक की जावेगी।
उक्त प्रकृति के मामलों की सुनवाई के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिशा निर्देश जारी किए गए है, जिनका प्रत्येक न्यायालय एंव अधिवक्ता संघ के सदस्य अधिवक्तागण व न्यायालयीन कर्मचारीगण द्वारा पालन किया जाएगा। प्रत्येक न्यायालय अधिकतम 10 प्रकरण सीमित भौतिक सुनवाई के लिए नियत कर सकेगा। सीमित भौतिक सुनवाई के अतिरिक्त वीडियों कॉन्फ्रसिंग, सुविधाजनक तरीके वर्चुअल माध्यम से भी मामलों की सुनवाई इस अवधि में जारी रहेगी। पक्षकारों, गवाहों एंव अधिवक्तागण की उपस्थित न्यायालयों की फाईलों की आदेश पत्रिका में दर्ज की जाएगी, किन्तु आगामी आदेश तक उनके हस्ताक्षर कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण को रोकने के उददेश्य से नही लिए जायेगें। जिला मुख्यालय एंव तहसील न्यायालयों में न्यायिक अधिकारीगण, अधिवक्तागण,पक्षकारगण, स्टाप के प्रवेश एवं निर्गम हेतु ऐसे एहतियातन उपाय किए जाएगें। जिससे न्यायालय परिसर एवं न्यायालय कक्ष में भीड एकत्रित न हो सके। प्रत्येक न्यायिक अधिकारीगण अधिवक्तागण,कर्मचारीगण एवं पक्षकारगण, जो क्वारेटाईन अथवा आईसोलेशन में है। उनका प्रवेश न्यायालय परिसर में पूर्णत: वर्जित रहेगा। ऐसे व्यक्ति जिनके द्वारा शराब, पान, गुटखा, तम्बाकू का सेवन किया जाता, उनका प्रवेश भी न्यायालय परिसर में पूर्णत: वर्जित रहेगा। यदि कोई व्यक्ति ऐसे किसी कृत्य में लिप्त पाया है,तो वह केन्द्र, राज्य सरकार द्वारा प्रावधान किए गए विधिक, गाईडलाईन के तहत अभियोजित, दण्ड का उत्तरदायी होगा। सभी प्रवेश द्वारा जहां से न्यायिक अधिकारीगण, अधिवक्तागण,पक्षकारगण एवं स्टाफ के सदस्य प्रवेश करते है, वहां पर उनकी थर्मल स्केनर से स्क्रेनिंग की व्यवस्था की जाएगी। कोई ऐसा व्यक्ति जिसे बुखार, खांसी, जुकाम जैसे लक्षण हो, तो उसे न्यायालय परिसर में प्रवेश नही दिया जाएगा। यदि न्यायिक अधिकारीगण या न्यायालयीन स्टाप का कोई सदस्य बुखार, खांसी, जुकाम जैसे लक्षण से ग्रसित हो, उसे तत्काल इस तथ्य की सूचना कार्यालय, पीठासीन अधिकारी को देना होगी। यदि किसी अधिवक्तागण को बुखार, खांसी, जुकाम हो, तो वह तुरंत इसकी जानकारी अधिवक्ता संघ एवं जिला न्यायाधीश को देगें। केवल ऐसे पक्षकार अथवा उनके अधिवक्तागण को ही न्यायालय परिसर में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी, जिनके मामले की सुनवाई हो। इस हेतु न्यायालय परिसर के प्रवेश द्वार पर सक्षम पर्याप्त स्टाफ की व्यवस्था की जाएगी, जो इस बात को सुनिश्चित करें, कि उन्ही अधिवक्तागण ,पक्षकारगण, को प्रवेश दिया जाए।
जिनके मामले की सुनवाई नियत है। केन्टीन व फोटो कापी की दुकान बंद रहेगी। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष इस बात को सुनिश्चित करेगें, कि बार रूम में सीमित संख्या में प्रवेश दिया जाएगा। और उसमें भीड एकत्रित नही की जाएगी तथा बार रूम को समय-समय पर सेनेटाईज्ड भी कराया जाएगा। न्यायालय परिसर का समुचित सेनेटाईजेशन कराया जाएगा और मुख्य प्रवेश द्वार, शौचालय अथवा न्यायालय के बारमदों में हेण्डवाश व सेनेटाईजर की व्यवस्था की जाए। और यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी व्यक्ति न्यायालय कक्ष या न्यायालय परिसर में हेण्डवाश अथवा सेनेटाईज्ड किए बिना प्रवेश नही करे। सभी अधिवक्तागण और न्यायालीयन स्टाप व न्यायिक अधिकारीगण को यह सलाह दी गई है,कि अपने पास प्रत्येक समय सेनेटाईजर की एक शीशी अवश्य रखें और समय-समय पर अपने हाथ पर सेनेटाईज्ड करें।
न्यायालय परिसर एवं न्यायालयीन कक्षों में सभी न्यायिक अधिकारीगण पक्षकारगण व न्यायालयीन, कर्मचारीगण, अधिवक्तागण एवं अन्य संबंधित सभी व्यक्तियों जो न्यायालय परिसर में उपस्थित हो,वे सोशल डिस्टेसिंग (सामाजिक दूरी) का अनिवार्य रूप से पालन करें। न्यायालयीन कक्ष में केवल उन्ही अधिवक्तागण या पक्षकारों जिनके मामले की सुनवाई हेतु पुकार लगवाई गई हो, उन्हे ही प्रवेश की अनुमति है, अन्य अधिवक्तागण,पक्षकारगण, न्यायालीयन कक्ष के बाहर सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए अपनी पुकार की बारी का इंतजार करेगें। जानकारी व सुविधा के लिए न्यायालय परिसर में डिस्प्ले बोर्ड विधिवत संचालित किए जाएगें। अधिवक्तागण अपने प्रकरण की फाईल स्वंय लेकर आयेगें और जैसे मामले की सुनवाई समाप्त होगी, वे तत्काल न्यायालय कक्ष को छोड देगें। उक्त दिशा निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने हेतु प्रतिदिन की वस्तुस्थिति को ध्यान में रखने हेतु तथा उपरोक्त दिशा निर्देशो की मानिटरिंग करने हेतु कमेटी का गठन किया गया है।
जिला मुख्यालय नीमच हेतु श्री अजयसिंह ठाकुर प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीमच, श्री सदाशिव दांगोडे जिला रजिस्ट्रार नीमच, अध्यक्ष अधिवक्ता संघ द्वारा नॉमित सदस्य सचिव श्री दीपक शर्मा, जिला नाजीर जिला न्यायालय नीमच, की सीमित गठित की गई है। तहसील मनासा के लिए श्री अखिलेश कुमार धाकड प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनासा अध्यक्ष अधिवक्ता संघ मनासा, नायब नाजीर न्यायालय मनासा तथा तहसील जावद के लिए श्री नीतिराज सिंह सिसौदिया अपर जिला एंव सत्र न्यायाधीश जावद, अध्यक्ष अधिवक्ता संघ जावद, नायब नाजीर न्यायालय जावद की सीमित गठित की गई है।
केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के संबंध में जारी दिशा निर्देशों एंव समय-समय पर उनके द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों का पालन कडाई से करने निर्देश दिए गए है। उपरोक्त भौतिक रूप से सीमित प्रकरणों की सुनवाई के दिवसों को छोडकर शेष दिवसों में सीमित वर्चुअल कामकाज करने के लिए माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पूर्व में जारी परिपत्र क्रमांक बी-4195 दिनांक 31.10.2020 की निरंतरता में 17 नवम्बर से 5 दिसम्बर 2020 तक अवधि के लिए बढाई गई है। जिसमें पूर्व परिपत्र डी-2377, जबलपुर, 27 जून 2020 क्रमांक क्यू/12 दिनांक 4 मई 2020 क्रमांक बी-2655 दिनांक 24 जुलाई 2020 एंव अन्य समस्त परिपत्र के अनुसार जिला न्यायालय में सीमित वर्चुअल कामकाज करने के संबंध में दिशा निर्देश दिए गए है। जिसके अनुसार भौतिक सुनवाई के दिवसों को छोडकर अन्य दिवसों में न्यायालयीन कार्यवाही सम्पादित की जावेगी।