उज्जैन। कृषि एक बहुत बड़ा आयाम है। इस कार्य को पूरा करने के लिये किसान दिन-रात अपना दायित्व पूरा करते हुए नवाचार अपनाते हैं। उज्जैन विकास खण्ड के ग्राम लिंबापिपलिया में रहने वाले किसान राजेश और धर्मेंद्र प्रजापत दोनों भाई हैं, जो आधुनिक खेती में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं। वे अपने 2.5 हेक्टेयर के खेत में कुए का निर्माण कर चुके हैं, जिसमें पर्याप्त पानी है। इस पानी से सिंचाई कर वे रेज्ड बेड पद्धति द्वारा बहुत सारी फसलें लेते हैं। खरीफ में सोयाबीन और रबी में गेहूं और चना उत्पादन लेते हैं। इनके पास नाडेप पिट है, जिसमें वे कचरा और गोबर डालकर उससे अच्छी क्वालिटी का जैविक खाद उत्पादन करते हैं। वहीं उससे निकलने वाले तरल पदार्थ जिसे ह्युमिक एसिड कहा जाता है उसका संग्रह कर वे पौधों के ऊपर स्प्रे करते हैं, जिससे कीटनाश के साथ-साथ पौध वृद्धि भी होती है।
उक्त किसान भाईयों ने ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से गहन चर्चा कर उत्पादन लागत कम कर आमदनी बढ़ाई है। उन्हें लागत में 9750 रुपये का नगद फायदा हुआ। साथ ही उनका उत्पादन भी बढ़ा है। कुल 2.50 हेक्टेयर खेत में गत वर्ष की तुलना में लागत कम करते हुए नई तकनीक का पालन करने से 81150 रुपये का शुद्ध लाभ उक्त दोनों किसानों को हुआ है। साथ ही खेत की दशा बहुत अच्छी हुई है और उपज की क्वालिटी में भी सुधार हुआ है।