अवयस्क पीडिता को जबरन अपने साथ ले जाने वाले आरोपी को 3 वर्ष का कारावास एवं अर्थदंड

रतलाम । न्यायालय श्रीमान (योगेन्द्र कुमार त्यागी) विशेष न्?यायालय पॉक्सो एक्ट रतलाम (म.प्र.) के द्वारा निर्णय दिनांक 18.11.2021 को अभियुक्त सैफ अली पिता मेहमुद अली उम्र 23 वर्ष नि. सेमलिया रोड मस्जिद के पास नामली जिला रतलाम को धारा 363 भादवि एवं 3(2)(ङ्क्र) एससी-एसटी एक्ट में 3-3 वर्ष कारावास एवं 1000-1000 रू. अर्थदंड से दंडित किया गया।
प्रकरण में पैरवीकर्ता विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो एक्ट रतलाम श्रीमती गौतम परमार ने बताया कि 17 वर्षीय अवयस्क पीडिता घटना दिनांक 10.02.2015 को पैदल-पैदल स्कूल जा रही थी तभी स्कूल के पीछे छात्रावास रोड पर उसी के स्कूल में पढने वाला आरोपी सेफ अली कुरैशी मोटर सायकिल लेकर आया और पीडिता के आगे मोटर साईकिल अडा दी और बुरी नियत से उसका बांया हाथ पकड कर पीडिता को मोटर साईकिल पर बिठा कर रतलाम ले जाने लगा तो पीडिता ने उसे कहा कि मुझे कहां ले जा रहे हो तो आरोपी सेफ अली बोला कि अब दुबारा पूछा तो जान से खत्म कर दूंगा ऐसी धमकी देकर आरोपी उसे मोटर सायकिल पर बिठाकर रतलाम ज्यूस की दुकान पर ले गया जहॉ स्कूल के सर आ गए तो उनको देख कर आरोपी वहॉ से भाग गया।
पीडिता द्वारा बतायी गई उक्त घटना पर से थाना नामली द्वारा आरोपी के विरूद्ध अपराध क्रं. 31/2015 धारा 363,354,354सी, 506 भादवि एवं 3(1)11 एससी एसटी एक्ट और 7/8 पॉक्सो एक्ट में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। दिनांक 11.02.2015 को आरोपी सेफ अली को गिरफ्तार किया गया।
अनुसंधान पूर्ण होने के पश्चात् अभियोग पत्र दिनांक 12.03.2015 को माननीय विशेष न्यायालय एससी एसटी एक्ट रतलाम के समक्ष पेश किया गया।
माननीय विशेष न्यायालय में अभियोजन द्वारा साक्षियों के मौखिक एवं दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत कर आरोपी को आरोपित धाराओं में उल्लेखित अधिकतम दंड से दंडित किये जाने के तर्क प्रस्तुत किए गए। विचारण उपरांत माननीय विशेष न्यायालय द्वारा अपने निर्णय दिनांक 18.11.2021 को अभियोजन की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य को प्रमाणित मानते हुए आरोपी को दोषसिद्ध किया गया। आरोपी सेफ अली द्वारा अपराध में प्रयुक्त मोटर सायकिल को माननीय विशेष न्यायालय ने आरोपी के दोषसिद्ध हो जाने पर एससी एसटी एक्ट की धारा 7 के अंतर्गत शासन के पक्ष में समपहरण का आदेश किया है। प्रकरण की सफल पैरवी विशेष लोक अभियोजक रतलाम श्रीमती गौतम परमार द्वारा की गयी।