आगर मालवा । सहा. जिला मीडिया प्रभारी ने जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक १९-०९-१९ की सुबह ०७:३० बजे फरियादी मन्नाजी पिता ब्रजभान बंजारा ने थाने पर रिपोर्ट लेखबद्ध कराई कि वह तथा उसकी भाभी गुजरी बाई उम्र ७५ वर्ष की उसके साथ रहती है, गई रात करीबन ०८:०० बजे दोनो खाना खा पी कर सो गए थे, फरियादी बाहर वाले कमरे में खाट पर सोया था तथा गुजरी बाई अंदर वाले कमरे मे सोयी थी तभी रात्रि १२:३० बजे अचानक किसी आदमी ने उसकी छाती पर पैर रख दिया और हाथ मरोड़ दिया, फरियादी घबराकर उठा तो देखा एक आदमी अंदर वाले कमरें में सजा गुजरी बाई सोई थी वहा खड़ा था । फरियादी जोर जोर से चिल्लांने लगा तो अंदर वाला आदमी टांड पर रखी पेटी उठाकर लाया और दोनों भाग गये । तभी उसका भतीजा बिहारी, लड़का हरिसिंह ओर चोकिदार भंवरसिंह आ गए, सभी ने जाकर देखा तो गुजरी बाई मरी पड़ी थी, उसके मूह और गर्दन पर चोट के निशान थे और खून निकल रहा था । गुजरी बाई के पैरों मे चांदी की कड़ी जो वह पहने हुई थी वह भी नहीं थी, घटना के १०-१२ दिन पहले पेटी मे १२ हजार रूपए रखे थे, जिन्हे कोई अज्ञात बदमाश घर मे घुस कर गुजरी बाई की हत्यार कर दो चांदी के कड़े तथा पेटी मे रखे १२ हजार रूपए लूट कर ले गया । फरियादी की रिपोर्ट पर पुलिस ने प्रसूरि दर्ज कर अनुसंधान किया , जिला स्तरीय समिति द्वारा प्रकरण को जघन्य हत्या कांड मानते हुए चिन्हित प्रकरण में सूचिबद्ध कर निरंतर मानिटरींग की ।
अनुसंधान के दौरान पुलिस ने आरोपी सुरेश पिता बिहारी लाल बंजारा उम्र २३ वर्ष निवासी पालड़ा को गिरफ्तार किया और पुछताछ की तो उसने ग्राम पालड़ा मे अपने खेत पर बनी टापरी में जमीन मे से खोद कर निकाल कर चांदी के दो कड़े तथा १२ हजार रूपए जप्त कराये तथा लूटी गई पेटी टापरी के पीछे खेत में से जप्त करायें । परंतु आरोपी द्वारा उसके साथी के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई, इस कारण पुलिस ने आरोपी के विरूद्ध धारा 201 भादवि का भी इजाफा किया और धारा 457, 460, 374, 302, 323, 450 भादवि के अंतर्गत अभियोग पत्र तैयार कर माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया ।
उल्लेखनीय है कि मृतका आरोपी की दादी थी और साक्ष्य के दौरान महत्वपूर्ण साक्षी फरियादी मन्ना जी आरोपी के पिता बिहारी, आरोपी का भाई हरिसिंह, चौकिदार भंवरलाल आदि पक्षविरोधी हुए, परंतु परिस्थिति जन्य साक्ष्य के आधार पर अभियोजन द्वारा मामले केा साबित किया गया ।*
प्रकरण में राज्य की ओर से अभियोजन का संचालन उप संचालक अभियोजन सुश्री प्रेमलता सोलंकी के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक एवम ए डी पी ओ श्री अनूप कुमार गुप्ता द्वारा किया गया । श्री गुप्ता द्वारा आरोपी के कृत्य को गंभीर और रिश्तों को तार तार करने वाला बताया और उसे कठोर दण्ड से दण्डित करने संबंधी तर्क प्रस्तुत कियें ।
माननीय द्वितीय जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश श्री कमलेश ईटावदीया ने विशेष लोक अभियोजक आगर श्री अनूप कुमार गुप्ता के तर्को एवं प्रस्तुत साक्ष्य से सहमत हो कर आरोपी के अपराध केा गंभीर प्रकृति का पाते हुए धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास और 01 हजार रूपए अर्थदण्ड्, धारा 201 में 05 वर्ष का सश्रम कारावास व 500 रू अर्थदण्ड, धारा 450 में 07 वर्ष का सश्रम कारावास व 01 हजार रूपए अर्थ दण्ड , धारा 397 में 10 वर्ष का कठोर कारावास व 01हजार रूपए के अर्थ दण्ड से दण्डित किया ।