बाल मृत्यु समीक्षा कार्यशाला संपन्न

रतलाम । जिला प्रशिक्षण केंद्र विरियाखेड़ी पर स्टेट कंसलटेंट शिशु स्वास्थ्य डॉ. विशाल जायसवाल, स्टेट कंसल्टेट श्री पवन दुबे, सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर ननावरे, प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. कृपालसिंह राठौर, डॉ. निर्मल जैन, डीआईओ डॉ. वर्षा कुरील, डीपीएम डॉ. अजहर अली, एसएनसीयू एनबीएसयू एनबीसीसी के चिकित्सक, आरबीएसके चिकित्सक तथा अन्य चिकित्सकों के साथ बाल मृत्यु समीक्षा कार्यशाला संपन्न हुई।
कार्यशाला में स्टेट कंसलटेंट शिशु स्वास्थ्य डॉ. विशाल जायसवाल ने बताया कि बाल मृत्यु दर को कम करना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का महत्वपूर्ण लक्ष्य है। बाल मृत्यु समीक्षा का मुख्य उद्देश्य बाल मृत्यु के कारणों के बारे में जानकारी प्राप्त करना साथ ही स्वास्थ्य सेवा प्रदायगी की कमियों और बाल मृत्यु के जिम्मेदार सामाजिक कारणों की पहचान करना है ताकि शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्तापूर्ण प्रदायगी कर बाल मृत्यु के प्रकरणों में कमी लाई जा सके। इसके लिए संस्थागत स्तर पर एवं समुदाय स्तर पर बाल मृत्यु समीक्षा की जाती है।
सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर ननावरे ने जिले के सभी चिकित्सकों को प्रतिमाह अपने क्षेत्र में होने वाले बाल मृत्यु प्रकरणों की जानकारी ऑनलाइन रिकॉर्ड करने तथा समीक्षा कर कमियों को दूर करने के निर्देश दिए। सीएमएचओ ने एसएनसीयू में होने वाली नवजात मृत्यु, शिशु मृत्यु के प्रकरणों की पूर्ण जानकारी अपडेट करने के लिए सोमवार तक की समय सीमा निर्धारित की। उन्होंने इस कार्य को प्रगति करते त्वरित गति से पूर्ण करने के लिए दल की ड्यूटी निर्धारित की। बाल मृत्यु समीक्षा कार्यशाला के दौरान शिशुओं में होने वाली मृत्यु के विभिन्न कारणों की विस्तार से पड़ताल करने एवं सुधारात्मक कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया।
सीएमएचओ ने सभी विकासखंड चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया कि गर्भावस्था के दौरान ही गर्भवती माताओं की स्वास्थ्य देखभाल एवं प्रसव काल के दौरान समस्त सेवाएं प्रोटोकॉल अनुसार प्रदान की जाए तथा प्रसूता माताओं को प्रसव पश्चात भर्ती रखते हुए शिशु के स्वस्थ होने की स्थिति के बाद ही डिस्चार्ज किया जाए। स्टेट कंसलटेंट शिशु स्वास्थ्य श्री पवन दुबे ने बाल मृत्यु समीक्षा के संबंध में भरे जाने वाले प्रपत्र के बारे में विस्तार से जानकारी दी तथा रतलाम जिले में अब तक हुई मृत्यु के प्रकरणों में प्रपत्र अनुसार जानकारी अपडेट करने के निर्देश दिए।
कार्यशाला के दौरान रतलाम जिले के प्रत्येक विकासखंड में प्रति विकासखंड पांच-पांच प्रकरणों की समीक्षा की गई तथा आगामी समय में बाल मृत्यु दर में कमी लाने के संभावित उपायों के बारे में चर्चा की गई। कार्यशाला में स्वास्थ संस्थाओं में पदस्थ मेंटरन, स्टाफ नर्स, स्वास्थ्य सेवा प्रदाता, बीपीएम, बीसीएम आदि उपस्थित रहे।