आज प्रदेश की मंडियों में लगभग 60 हजार बोरी के आसपास आवक नई लहसुन की आवक
रतलाम 23 फरवरी (मोतीलाल बाफना)। आज मध्यप्रदेश लहसुन बिक्री मंडी नीमच, पिपल्यामंडी, मंदसौर, दलौदा, जावरा, सैलाना, उज्जैन, इंदौर, बदनावर, बडनग़र, पिपलौदा, बड़ावदा आदि मंडियों में दिन प्रतिदिन छोटी-छोटी मंडियों में भी जैसे-जैसे उत्पादक कृषकों की नई लहसुन की फसल तैयार होती जा रही है बड़ी मंडियों में आवकें बढऩे से छोटी-छोटी मंडियां भी धीरे-धीरे प्रारम्भ होना शुरू हो चुकी है। मध्यप्रदेश की लहसुन मंडियों में से आज कुछ मंडियों में मंदी का वातावरण तो कुछ मंडियोंमें कल से आज में मामूली सुधार की सूचना है । हमारे पास जो जानकारी चर्चाओं के माध्यम से आती है उसके मुताबिक हम जानकारी देने का प्रयास करते है । देश की मुख्य लहसुन बिक्री मंडी उप्र, बिहार, बंगाल, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गोहाटी, जोधपुर, जयपुर, बीकानेर, श्रीगंगानगर, गोधरा, दाहोद, वड़ोदरा, अहमदाबाद, सूरत, मुम्बई, पुना, बैंगलौर, वडूगापट्टी, कोयम्बटूर, कटक, भुवनेश्वर, भ्रदक, जाजपुरटाऊन, संभलपुर, राहुलकेला, बरगड़, भारीपदा, सैलम, मदुराई, मद्रास, त्रिची, कूम्भाकोड़म, नैल्लूर, हैदराबाद, ताड़ेपल्लीगुडम, विजयवाड़ा, विशाखापट्टम, राजामहेन्द्री, समस्तीपुर, गया, मुजफ्फपुर, गोरखपुर, पटना, लखनऊ, कानपुर, बनारस, ईलाहाबाद (प्रयागराज), अमृतसर, लुधियाना, जालंधर, करनाल, गुडग़ांव, केरला के त्रिशूर आदि शहरों की प्रमुख मंडी एवं सेंटरों पर लहसुन की बिक्री शुरू हो गई है वहां क्वालिटी अनुसार ट्रक भाड़ा, वजन घटी, खर्चे मुताबिक वहां पर माल की क्वालिटी और गिले सूखे अनुसार एवं ग्राहकी की चाल देखकर नई लहसुन में तेजी-मंदी का माहौल प्रतिदिन रहने की चर्चा रहती है । कारण है कि पुराना लहसुन सूखा होता है और नया लहसुन गिला एवं मामूली सूखा आता है एकदम सूखा माल नहीं आता है। अभी वर्तमान में लहसुन मशीनों के माध्यम से क्वालिटी अनुसार बन कर बिक्री सेंटरो पर ज्यादा पहुंचने की चर्चा है । ज्यादा पहुंचने पर कभी माल ज्यादा गिला नरम-गरम होने के कारण वहां के वातावरण अनुसार तेजी-मंदी का माहौल रहता है और माल को ज्यादा दिन बिक्री के लिए रोक नहीं पाते है क्योंकि ज्यादा दिन माल रोकने पर माल के खराब होनेे का डर रहता है । वर्तमान में नया लहसुन देश के प्रमुख बिक्री सेंटरों पर क्वालिटी अनुसार देशी माल 1200 से 5000 रू. प्रति क्विंटल तक व कुछ सुपर बड़ा माल क्वालिटी मुताबिक ऊंचे दामों पर भी बिक्री होता है । बारिक हलका माल कम दामों पर बिकने की चर्चा रहती है। वहीं नया ऊंटी लहसुन ज्यादातर दिल्ली, पंजाब एवं तमिलनाडु आदि कई सेंटरो पर बिक्री होता है । वहां पर क्वालिटी अनुसार छोटा-बड़ा माल साईज मुताबिक 2500 से 7000 रू. प्रति क्विंटल तक जनरल भाव रहने की चर्चा है एवं कोई एक्स्ट्रा बड़ा माल जो पैकिंग अनुसार ऊंचे दामों पर भी बिक्री होता है । पिछले दिनों म.प्र. की उत्पादन क्षैत्रों की मंडियों में एक्स्ट्रा सुपर ऊंटी माल 8100 रू. प्रति क्विंटल तक बिकने की चर्चा है । इसी प्रकार बिक्री सेंटरों पर कभी-कभी ऊंचे दामों पर भी माल बिकता है लेकिन आज मध्य प्रदेश की उत्पादन क्षैत्रों की मंडियों में बारिक (मीडियम व बड़ा) माल क्वालिटी अनुसार 500 से 4800 रू. प्रति क्विंटल तक बिकने के समाचार लिखे जाने तक प्राप्त हुए है । वहीं नया ऊंटी माल 1800 से 6700 रू. क्विंटल के आसपास कुछ मंडियों में बिकने की चर्चा है । उक्त जानकारी चर्चाओं के मुताबिक हमें जो ज्ञात होती है उसके मुताबिक देने का प्रयास करते है । हम किसी के कहने पर तेजी-मंदी का वातावरण ना बनाते है और ना ही लिखते है । क्योंकि मध्यप्रदेश की उत्पादन क्षैत्रों की मंडियों में प्रात: मंडी खुलती है जब और दोपहर में लंच बाद और शाम के समय लहसुन में ग्राहकी अनुसार बाजार में तेजी-मंदी का माहौल अनुसार माल बिकने की चर्चा रहती है । इसके कारण लहसुन में 200 से 500 रू. प्रति क्विंटल की तेजी-मंदी कभी ग्राहकी अनुसार होना आम बात है । वहीं आज प्रदेश की मंडियों में लगभग 60 हजार बोरी के आसपास आवक नई लहसुन की आवक रहने की चर्चा है ।