शिक्षक सांस्कृतिक संगठन का 25 वा रजत जयंती समारोह सम्पन्न
रतलाम । आदि काल से लेकर वर्तमान समय तक मानव समाज की उन्नति प्रगति और प्रतिष्ठा में पुरुषों के साथ साथ महिलाओं का भी संपूर्ण क्षेत्र में बराबर का योगदान रहा है चाहे समाज की उन्नति का क्षेत्र हो या फिर सामाजिक परिवर्तन आविष्कारों की बात हो नारियों ने सदैव अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। यही नहीं ऐतिहासिक पौराणिक काल में भी महिलाओं की भूमिका बड़ी निर्णायक और प्रभावशाली रही है। रामायण काल की ही बात करें भगवान श्रीराम ने मर्यादाओं की स्थापना में स्त्रीत्व और स्त्री सम्मान का बराबर ख्याल रखा था । उनके मान सम्मान को अपनी संपूर्ण लीला में स्थापित किया है । मां सीता का चरित्र सिर्फ अग्निपरीक्षा तक सीमित नहीं रहा बल्कि वह दुनिया की तमाम स्त्रियों के लिए अपनी पवित्रता और कर्तव्य निष्ठा का प्रमाण बनकर कायम है ।
उक्त उद्गार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर शिक्षक सांस्कृतिक संगठन द्वारा स्व. प्रेरणा तोगड़े की स्मृति में आयोजित नगर की 25 नारी गौरव समारोह में उपस्थित महिलाओं पर गणमान्य जनों को संबोधित करते हुए कन्या महाविद्यालय प्राध्यापक डॉ सुषमा कटारे ने व्यक्त किए आपने कहा कि रामचरितमानस का संपूर्ण चरित्र चित्रण महिला सम्मान और उसकी प्रतिष्ठा को स्थापित करने के लिए किया गया है पुरुषत्व और पुरुषों का समर्थ और प्रतिष्ठा भी स्त्रियों की बदौलत है इसमें कोई संदेह नहीं है ।
कार्यक्रम की विशेष अतिथि श्रीमती अंकिता पंड्या सहायक संचालक महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने कहा कि स्त्री होने का गौरव सर्वविदित है हमारी प्रगति और उन्नति का प्रतीक हिस्सा इस बात का प्रमाण है की नारियों की बदौलत समाज में सहिष्णुता और समन्वय का माहौल रहता है वात्सल्य प्रेम और स्नेह स्त्रियों के प्राकृतिक गुण हैं । समाज में सहिष्णुता की सरिता का प्रभाव करती है कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही डॉ. सुलोचना शर्मा ने कहा कि विपरीत और चुनौतीपूर्ण स्थितियों में भी नारी का धैर्य उसे सफलता दिलवाता है । स्त्री का प्रत्येक रूप उसके मान और सम्मान का परिचायक है समाज को जोड़ने तथा मर्यादाओं का पालन करना स्त्रियों के दिए गए संस्कारों का ही परिणाम है ।
संस्था अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा कि स्त्रियों का मान सम्मान ऐतिहासिक पौराणिक काल से चला आ रहा है हमारा अस्तित्व उनके बिना अधूरा है संस्था का 25 वा रजत जयंती वर्ष महिला सम्मान समारोह के साथ अन्य गतिविधियां भी आगामी दिनों में करके मनाया जावेगा तथा संस्था को मिले सहयोग और प्यार के लिए आपने सबको धन्यवाद दिया । डॉ. मुरलीधर चांदनी वाला ने स्त्रियों के ऊपर लिखी हुई कविता का पाठ करते हुए श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया । आरंभ में अतिथियों ने मां सरस्वती एवं स्व. श्रीमती प्रेरणा तोगड़े के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया । सरस्वती वंदना नवीन कन्या उमावि की छात्राओं ने प्रस्तुत की । इस मौके पर श्री ओम प्रकाश मिश्रा तथा प्राचार्य ममता अग्रवाल जी भी मंचासीन थी । स्वागत सर्वश्री दिलीप वर्मा, राधेश्याम तोगड़े रमेश उपाध्याय, कृष्ण चंद्र ठाकुर, नरेंद्र सिंह राठौड़, दशरथ जोशी, मदनलाल मेहरा, रक्षा के. कुमार, कविता सक्सेना. प्रतिभा चांदनीवाला, भारती उपाध्याय, आरती त्रिवेदी, वीणा छाजेड़, अंजुम खान ने किया । संस्था द्वारा एवं अतिथियों द्वारा नारी गौरव रत्न का सम्मान प्रदान किया गया । सम्मानित महिलाओं के नाम इस प्रकार है श्रीमती विनीता ओझा, डॉ प्रवीणा दवेसर, डॉ. ऋतम उपाध्याय, शीला वडेला, राधा पाटीदार, प्रीति गोठवाल, डेलन भाबरा, पुष्पा जोशी, सीमा अग्निहोत्री, माधुरी पल्लवी, श्रीमती माया मौर्य, ललिता कदम, अनिता एलेग्जेंडर, पुष्पा सिसोदिया, एथेलेटिक कृतज्ञ शर्मा, प्रीति सोलंकी, शशि संघवी, रेवा जोशी, श्रीमती शारदा गोमे, उषा लिंबोदिया, हेमलता शर्मा, माया शर्मा, चंदा चौहान, अनिता सोनी आदि को मेडल तथा अभिनंदन पत्र देकर सम्मानित किया गया । कार्यक्रम का सफल संचालन श्रीमती वीणा छाजेड़ ने किया आभार ममता अग्रवाल ने माना । इस अवसर पर श्री गोपाल जोशी, चंद्रकांत वाफगांवकर, मनोहर प्रजापति, उत्सव लाल सालवी, रमेश परमार, महेश व्यास, महेश अग्रवाल, राकेश शर्मा, ताहिरा खान, प्रीति खराड़ी, सुधीर गुप्ता आदि उपस्थित थे ।