शाजापुर। विशेष न्यायाधीश, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम एवं चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश, शाजापुर म.प्र. द्वारा आरोपी गोविन्द पिता अनोपसिंह मीणा निवासी रंथभॅंवर थाना बेरछा जिला शाजापुर को धारा 363 भादवि में दोषी पाते हुये 03 वर्ष के सश्रम कारावास व रु.1000 के अर्थदण्ड, धारा 366 भादवि में 5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं रु.2000 के अर्थदण्ड, पाक्सो एक्ट की धारा 5(एल)/6 में 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं रु.7000 के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। जिला मीडिया प्रभारी सचिन रायकवार ए.डी.पी.ओ. शाजापुर ने बताया कि विशेष लोक अभियोजक श्री प्रतीक श्रीवास्तव के द्वारा प्रदत्त जानकारी अनुसार दिनांक 24.06.2020 को दिन के 12:38 बजे पीडित बालिका के पिता ने थाना बैरछा में बालिका की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखायी थी। पीडित बालिका दिनांक 23.06.2020 की रात 11:30 बजे घर से बिना बताए चली गई थी। पीडित बालिका के पिता ने शंका के आधार पर आरोपी के विरुद्ध थाना बेरछा में रिपोर्ट लिखाई थी। दिनांक 25.08.2020 को पीडिता को आरोपी के कब्जे से दस्तयाब किया गया था। आरोपी पीडिता का अपहरण कर ले गया और उसके साथ जबरदस्ती बलात्कार किया था। थाना बैरछा के द्वारा सम्पूर्ण अनुसंधान पश्चात चालान सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। अभियोजन की ओर से पैरवी श्री देवेन्द्र कुमार मीना, डी.पी.ओ. शाजापुर एवं श्री प्रतीक श्रीवास्तव विशेष लोक अभियोजक/ एडीपीओ शाजापुर द्वारा की गई। माननीय न्यायालय ने अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होते हुये आरोपी को दण्डित किया ।