हत्या के मामले में आरोपी को आजीवन कारावास एवं अर्थदण्ड

अपराध में सहयोग करने वाली महिला सहित अन्य 2 आरोपियों को किया दोषमुक्त

रतलाम । न्यायालय श्रीमान रूपेश शर्मा प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश महोदय जावरा जिला रतलाम (म.प्र.) के द्वारा जघन्य एवं सनसनीखेज चिन्हित श्रेणी के प्रकरण में निर्णय दिनांक 25.03.2022 को अभियुक्त दिलीप पिता भगवान लाल भाटी उम्र 31 साल नि माननखेडा थाना रिंगनोद जिला रतलाम म.प्र. को धारा 302/34 भादवि में आजीवन कारावास की सजा एवम 10000/-रुपए अर्थदंड तथा धारा 201/34 भादवि में 7 वर्ष का कारावास एवं 5000/- रुपए अर्थदंड से दंडित किया गया, तथा अभियुक्तगण सपना पिता उत्तम चौहान उम्र 30 वर्ष, अरविन्द पिता उत्तम उम्र 29 साल एवं उम्मेदराम पिता दौलतराम उम्र 49 साल सभी निवासी माननखेडा थाना रिंगनोद जिला रतलाम म.प्र. को दोषमुक्त किया गया।
प्रकरण में पैरवीकर्ता विजय पारस अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी जावरा जिला रतलाम ने बताया कि दिनांक 30.05.2018 को ग्राम माननखेडा के चौकीदार फरियादी जस्सुलाल पिता कनीराम बागरी ने चौकी ढोढर के चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक अमित कुशवाह को सूचना दी कि सुबह 8 बजे उसे गांव के रामलाल ने बताया कि गांव के कारूलाल के खेत में एक आदमी मृत अवस्था में पडा है। जिसके चेहरे पर चोट होकर खून निकला है ऐसा लगता है कि उसकी मारकर हत्या की गई है और पहचान छुपाने के लिये चेहरा कुरूप कर दिया है, तब वह घटना स्थल कारूलाल के खेत पर गया, मृतक को देखा वह पहचान में नही आ रहा था। उक्त सूचना पर चौकी प्रभारी अमित कुशवाह घटना स्थल कारूलाल के खेत ग्राम माननखेडा पहुॅंचा और चौकीदार जस्सुलाल की सूचना पर से 0x2018 धारा 302, 201 भादवि कि देहाती नालसी रिपोर्ट लेखबद्ध कर असल कायमी हेतु थाना रिगनोद भेजी गई। थाने पर उक्त देहाती नालसी पर से अज्ञात आरोपी के विरूद्ध असल प्रथम सूचना रिपोर्ट एवं मर्ग पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ की गई।दौराने विवेचना पुलिस द्वारा घटना स्थल पर मौजूद आवश्यक साक्ष्य संकलित कर अज्ञात मृतक के शव का पीएम करवाया जाकर शव के फोटोग्राफ उसके पहने गये कपडे, चप्पल, घडी को जप्त किया जाकर अज्ञात मृतक के शव को दिनांक 31.05.2018 को दफनाया गया। मृतक के फोटोग्राफो को पुलिस द्वारा व्हाट्सअप एवं आसपास के थानों पर पहचान हेतु भेजा गया था। जिस पर से दिनांक
12.06.2018 को मृतक के परिजन पुलिस चौकी ढोढर आये जहां पर पुलिस ने मृतक के कपडे, चप्पल एवं घडी, फोटोग्राफ दिखाये तो उन्होने मृतक दिनेश पिता प्यारचंद नि. कनघट्टी थाना पिपल्यामंडी जिला मंदसौर के रूप में पहचान की, और दिनेश के दिनांक 27.05.2018 को सुबह घर से जाना बताते हुये नही आने पर गुमशुदगी रिपोर्ट दिनांक 08.06.2018 को थाना कोतवाली जिला मंदसौर पर दर्ज करवाया जाना बताया था।
मृतक के मोबाइल के आईएमईआई नंबर को सर्च किया गया तो उसमे जो सिम नंबर संचालित होना पाई गई उक्त सिम की जानकारी प्राप्त की तो वह सिम दिलीप बांछडा के नाम होना पाई जाने से पुलिस द्वारा दिलीप को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो दिलीप ने जानकारी दी कि दिनांक 28.05.2018 को उसका दोस्त उम्मेदराम और उसने मृतक दिनेश गायरी के साथ शराब पी उसके पश्चात वह तीनो सपना पिता उत्तम बांछडा के डेरे पर गये जहां पर दिनेश सपना से मिला उसके पश्चात सपना ने दिलीप व उम्मेदराम तथा उसके भाई अरविन्द को गुप्तरीति से बताया कि दिनेश के पास काफी पैसा है, तब सपना की बात पर विश्वास करके दिलीप उम्मेदराम व अरविन्द तीनो दिनेश को बातो में उलझा कर पैदल-पैदल ताउ के ढावे के पीछे स्थित खेतो मे ले गये फिर उसे पैसे देने के लिये कहा दिनेश के द्वारा इंकार करने पर तीनो आरोपीगणो ने मिलकर पत्थर से दिनेश की हत्या करना व दिनेश की जेब से कुल 5200रू व एक मोबाइल निकाल कर आपस में बांट लेना तथा मोबाइल आरोपी दिलीप ने रख लिया जाना बताया। उक्त मोबाइल में दिलीप द्वारा बाद में अपनी सिम डाल कर मोबाइल चालू करना बताया।
आरोपी दिलीप द्वारा दी गई उक्त जानकारी पर से आरोपीगण उम्मेदराम, अरविन्द व सपना को गिरफ्तार किया जाकर व उनसे मृतक की जेब से निकाली गई राशि जप्त की गई। आरोपी दिलीप से मृतक दिनेश का मोबाइल भी जप्त किया गया है।
आवश्यक अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र दिनांक 27.07.2018 को माननीय विशेष न्यायालय में चारों आरोपीगण के विरूद्ध धारा 302, 201, 34 भादवि में प्रस्तुत किया गया।
माननीय विचारण न्यायालय में अभियोजन की ओर से कुल 20 साक्षियों में 19 साक्षियों को अपने समर्थन में परीक्षित कराया गया एवं घटना को प्रमाणित करने हेतु मौखिक, दस्तावेजी तथा लिखित बहस प्रस्तुत कर आरोपीगण को आरोपित धाराओ में उल्लेखित अधिकतम दंड से दंडित किये जाने के तर्क प्रस्तुत किये गये।
माननीय न्यायालय द्वारा आयी हुई साक्ष्य को अभियुक्त दिलीप के विरूद्ध प्रमाणित पाते हुये उसे दोषसिद्ध किया गया, तथा अन्य तीन आरोपीगण सपना, अरबिन्द एवं उम्मेदराम के विरूद्ध साक्ष्य को प्रमाणित न पाते हुये उन्हे दोषमुक्त किया गया।
प्रकरण की सफल पैरवी अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी विजय पारस जावरा जिला रतलाम द्वारा की गयी।