लहसुन में उत्पादक कृषकों को भाव नहीं मिलने के कारण सोमवार से हड़ताल पर जाने की घोषणा

रतलाम 21 अगस्त (मोतीलाल बाफना)। मध्यप्रदेश व देश में लहसुन के भावों में भारी मंदी के बाद मध्यप्रदेश के रतलाम,नीमच आदि अन्य जिलो के लहसुन उत्पादक एवं प्याज उत्पादक कृषकों द्वारा दोनों वस्तुओं में उत्पादक कृषकों को भाव नहीं मिलने के कारण नाराजगी व्यक्त की गई। रतलाम जिले के कृषकों ने 22 अगस्त 2022 सोमवार से कृषि उपज मंडियों में अपनी लहसुन व प्याज की उपज नहीं लाकर बेचने का आव्हान करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की । इस सम्बंध में 20 अगस्त शनिवार को किसानों द्वारा मंडीगेट को बंद कर दिया और प्याज एवं लहसुन एमएसपी पर खरीदने की मांग पर अड़े रहे । उक्त मामले में मंडी प्रशासन एवं तहसीलदार द्वारा किसानों को समझाने पर उनके द्वारा आंदोलन खत्म किया गया। वहीं सैलाना में नाराज किसान संगठनों ने मिलकर प्याज-लहसुन की शवयात्रा निकालकर विरोध दर्ज कराते हुए कृषिमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा । रतलाम मंडी प्रशासन व अधिकारियों को किसानों ने ज्ञापन देते हुए शासकीय खरीदी के भाव तय कर खरीदने की अपील की जिसकी चर्चा है ।
सोमवार को अगर मंडी में माल आता है तो मंडी प्रशासन क्या निर्णय लेगा यह तो उसी दिन पता चलेगा ? क्यों कि कृषकों ने पिछले दिनों मंडियों में हल्के स्तर का लहसुन जो कि मंडियों में 100 से 300 रू. प्रति क्विंटल दाम चलने का विरोध किया है । वैसे अच्छे लहसुन और मजबूत लहसुन में कृषकों को भाव ठीक मिलने की चर्चा भी है । पिछले दिनों प्रदेश की मंडियों में कहां-कहां पर लहसुन 500 से 3500 तक जनरल भाव रहे तो वहीं पर जावरा मंडी में सुपर क्वालिटी का एक-दो लाट 14541 रू. प्रति क्विटंल तक बिका । वहीं नीमच मंडी में भी कुछ लाट 6900 तक बिकने की चर्चा है । वैसे प्रदेश में लहसुन का उत्पादन इस वर्ष जोरदार आया और उसमें भी अधिकांश माल किसी कारणवश हल्के स्तर का होकर पोचा व दागी (पिला पडऩा) जैसा माल अधिकांश मंडियों में अधिकतर वहीं माल आने की चर्चा है । सुपर बेस्ट क्वालिटी माल की आवक कमजोर हो रही है। क्योंकि अभी किसान बरसात के मौसम में जो माल उनका 3-4 माह के आसपास से पड़ा हुआ है । वह माल दिन प्रतिदिन खराब होता जा रहा है इसके कारण सरकारी निलामी में व्यापारी माल की कंडिशन और देश एवं प्रदेश में लहसुन के भाव में मंदी के बात जो भाव अभी वर्तमान में चल रहे है माल की कंडीशन देखते हुए अपनी बोली लगाता है ऐसी भी चर्चा है । लहसुन के भाव नहीं मिलने के कारण एवं प्याज में की कुछ किसानों को भाव नहीं मिलने के कारण क्योंकि उनका माल हल्का आने की वजह से व्यापारी बरसात के मौसम में खरीदने से पीछे हटता है ऐसी चर्चा है । लेकिन वर्तमान में रतलाम मंडी सहित प्रदेश की प्याज मंडियों में प्याज की आवकें जोरदार हो रही है और वर्तमान में भाव ठीक-ठीक चल रहे है ऐसी चर्चा है । किसानों का आंदोलन देखते हुए सोमवार 22 अगस्त से लहसुन मंडियों में नीलामी में उत्पादक कृषकों का माल कितनी मात्रा में आता है उस आधार पर लहसुन के भाव पर आने की चर्चा है ।