रतलाम । माननीय सदस्य सचिव महोदय, म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानुसार एवं माननीय सुश्री शोभा पोरवाल, जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रतलाम के मुख्य अतिथ्य में आज दिनांक 10.12.2020 को श्रीमान् साबिर अहमद खान, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं सुश्री पूनम तिवारी, जिला विधिक सहायता अधिकारी, रतलाम द्वारा निम्नानुसार कार्यक्रम आयोजित किये गये।
दिनांक 10.12.2020 को मानवाधिकार दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रतलाम द्वारा श्रमिक विधिक सहायता प्रकोष्ठ (“रुद्गद्दड्डद्य ्रह्यह्यद्बह्यह्लड्डठ्ठष्द्ग ष्टद्गद्यद्य द्घशह्म् रुड्डड्ढशह्वह्म्”) एवं ”कार्यालय दहेज प्रतिषेध अधिकारी” का माननीय जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष, सुश्री शोभा पोरवाल द्वारा उद्घाटन किया गया है। इस कार्यालय का उद्देश्य दहेज की कुरीति को रोकने एवं दहेज की मांग संबंधी अपराधों में कमी लाया जाना तथा संगठित एवं असंगठित दोनों ही क्षेत्रों के श्रमिकों कल्याण हेतु प्रभावी कार्यवाही किया जाना है।
इस अवसर पर माननीय सुश्री शोभा पोरवाल, जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रतलाम द्वारा अपने उद्बोधन में बताया कि मानवाधिकार दिवस के दिन ”श्रमिक विधिक सहायता प्रकोष्ठ” एवं ”कार्यालय दहेज प्रतिषेध अधिकारी” कार्यालय का स्थापित होना गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि दहेज लेना और देना दोनों कानूनन अपराध हैं। विवाह के समय दिए गये तोहफों की एक लिस्ट वर-वधू द्वारा हस्ताक्षरित कर, किसी भी एक पक्ष द्वारा दहेज प्रतिषेध अधिकारी कार्यालय में जमा करवाना आवश्यक है। इससे दहेज प्रताडऩा के वास्तविक मामलों में पीडि़त को न्याय प्रदान करना सरल होगा और दहेज प्रताडऩा के झूठे मुकदमों में कमी आयेगी। सुश्री पोरवाल ने अपने वक्तत्व में दहेज की कुरीति को नारी की गरिमा के विरूद्व बताते हुए प्रख्यात कवि श्री जयशंकर प्रसाद की कविता की ये पक्तियां उद्द्यृत की नारी तुम केवल श्रद्वा हो, विश्वास रजत पग-नग तल में, पीयूष स्त्रोत सी बहा करो, जीवन के सुंदर समतल में।
श्रीमान् साबिर अहमद खान, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रतलाम द्वारा बताया गया कि मानवाधिकार मानव होने के नाते प्राप्त जन्मसिद्व अधिकार है, जो मानवीय गरिमा के अनुसार जीवन व्यतीत करने के लिए आवश्यक है। श्रमिकों के कल्याण और दहेज प्रथा की कुरीति को रोकने के लिए दहेज प्रतिषेध कार्यालय का शुभारंभ किया गया है।
सुश्री पूनम तिवारी, जिला विधिक सहायता अधिकारी, रतलाम द्वारा अपने उद्बोधन में बताया गया कि दहेज लेना और देना दोनों अपराध हैं और यह एक सामाजिक अभिशाप भी है। विवाह के समय या पश्चात् वर-वधू को दिये गये उपहारों की सूची जिला प्राधिकरण स्थित दहेज प्रतिषेध अधिकारी कार्यालय में जमा करवाने से दहेज से संबंधित कानूनों का दुरूपयोग कम होगा और दहेज संबंधी विवादों में कमी आयेगी।
शिविर में श्रीमती विमला त्रिपाठी, अधीक्षिका, जिला न्यायालय रतलाम, श्री विमल छिपानी, लोक अभियोजक, श्री राजीव ऊबी, अधिवक्ता, श्री राकेश कुमार तिवारी, श्री रविन्द्र कुमार मिश्रा, महिला एवं बाल विकास विभाग, पैरालीगल वालेंटियर्स एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रतलाम के कर्मचारीगण उपस्थित थे। उक्त कार्यक्रम में नोवल कोरोना वायरस कोविद-19 महामारी से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया।