भागवत कथा सुनने कोसरिया गांव पहुंचे केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने संत वीरमनाथ और कथावाचक साध्वी प्रेम बाईसा से लिया अशीर्वाद
बायतु (बाड़मेर) । मनुष्य के लिए आज का वर्तमान जीवन जितना सुविधाओं से परिपूर्ण है, उतना ही बैचेनी, दुःख और संताप से भरा हुआ हैं। इससे बचने के लिए हमें कर्म के रहस्य को समझना होगा जोकि गीता के कर्मयोग के माध्यम से ही सम्भव है। उक्त बातें विधानसभा क्षेत्र बायतु के कोसरिया गांव में आयोजित श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ एवं नानी बाई का मायरा में शामिल हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कही।
कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने मनुष्य को बिना फल प्राप्ति के कर्म करने का उपदेश दिया है क्योंकि जब मनुष्य बिना फल प्राप्ति के अपना कार्य कुशलतापूर्वक करता है, तब मनुष्य की सारी शक्तियां केन्द्रीभूत हो जाती है तथा आध्यात्मिक ऊर्जा उतपन्न होती है। बिना आध्यात्मिक ऊर्जा के मनुष्य अपने कर्म को श्रेष्ठ एवं उपयोगी नहीं बना सकता। इसीलिए आज जरूरत है, गीता के कर्मयोग के रहस्य को जानकर मानव जीवन को सुखद बनाया जाये।
केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कथावाचक साध्वी प्रेम बाईसा और गुरु वीरमनाथ महाराज का स्वागत किया और भागवत कथा के पूजन में शामिल हुए। कृषि राज्यमंत्री चौधरी ने सन्तजनों से मिलकर आशीवार्द लिए। इसके उपरांत भक्ति गीत संगीत के साथ कथा का शुभारंभ हुआ। कथा पांडाल में उपस्थित श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कैलाश चौधरी ने कहा कि यद्यपि गीता महाभारत के युद्ध के समय रणभूमि में किंकर्तव्यविमूढ़ अर्जुन को समझाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा कही गई थी, किंतु इस वचनामृत की प्रासंगिकता आज तक बनी हुई है। कथावाचक ने कहा कि जो मन कर्म वचन से श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करते हैं उनके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। जीवन जीने की कला श्रीमद् भागवत सिखाती है। कथा सुनने के लिए सैकड़ों लोगों की भीड़ पहुंची है। पूरा पंडाल भगवान के जयकारे से गुंजायमान हो रहा था। इस अवसर क्षेत्र के कई जनप्रतिनिधिगण एवं वरिष्ठ लोग मौजूद रहे।