उज्जैन । मध्य प्रदेश शासन संस्कृति विभाग द्वारा संचालित त्रिवेणी कला एवं पुरातत्व संग्रहालय द्वारा विशेष अवसरों पर आयोजित की जाने वाली व्याख्यान श्रृंखला के अन्तर्गत मंगलवार को ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन विभागीय सोशल साइट्स पर किया गया । इस ऑनलाइन व्याख्यान में राधाष्टमी के पावन पर्व को केन्द्र में रखते हुए इंदौर के विद्वान आचार्य श्री नर्मदाप्रसाद उपाध्याय द्वारा “राधा विविध आयाम” विषय पर आधारित वक्तव्य प्रस्तुत किया गया । उपाध्याय जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि भगवान शंकर, श्रीकृष्ण रूप में और भगवती पार्वती ही राधा के रूप में प्रकट हुई । ऋग्वेद के श्रीसूक्त में राधा के 70 नाम प्राप्त है एवं पद्म पुराण में नारद से वृषभानु ने प्रार्थना की जिससे राधा जी प्रकृतिस्थ हो गई । इसके अतिरिक्त धार से प्राप्त शिलालेख में दो बार राधा का उल्लेख मिलता है ।
कोरोना महामारी के दृष्टिगत सभी सासंकृतिक एवं साहित्यिक प्रस्तुतियाँ विभागीय सोशल साइट्स पर ऑनलाइन प्रसारित की जा रही हैं । आगामी गतिविधियों के क्रम में आगामी 18 सितम्बर को प्रो. उमाकांत यादव, इलाहाबाद द्वारा व्याख्यान प्रस्तुत किया जाएगा । आयोजित सभी गतिविधियों के प्रसारण https/meet.google.com/&eh-nsou-pjp/mpculturedepartment/mptribalmuseum के माध्यम से देखें जा सकते हैं ।