खुशियों की दास्तां- शिवम तथा लखन कुपोषण से मुक्त हुए

रतलाम । महिला बाल विकास विभाग की आंगनवाडियां कुपोषित बच्चों को स्वस्थ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उनकी नियमित देखभाल और गृह भेंट के जरिए यह सुनिश्चित किया जाता है कि आंगनवाडी कार्यकर्ता कुपोषित बच्चों की नियमित मानिटरिंग द्वारा बच्चों को तंदरुस्थी दिलवाने तक मेहनत करती रहती हैं। रतलाम जिले के ग्राम पलाश का चार वर्षीय लखन तथा ग्राम कुआँझागर का पांच वर्षीय शिवम भी आंगनवाडी कार्यकर्ता की मेहनत की बदौलत कुपोषण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं।
लखन की माता श्रीमती लीला भाभोर ने बताया कि वे ग्राम पलाश में निवासरत हैं जो रतलाम ग्रामीण क्षेत्र मे आता है। उनका बेटा लखन पैदाईश के समय से ही अत्यन्त कमजोर था। तीन-चार साल तक ऐसी ही हालत रही। एक दिन आंगनवाडी कार्यकर्ता सीमा शर्मा जब उनके घर आई, तब बच्चे की कमजोर स्थिति को देखकर चिन्ता व्यक्त की और परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति के दृष्टिगत उसके सुपोषण के लिए एनआरसी केन्द्र पर भर्ती कराने के लिए कहा। कार्यकर्ता की बात मानकर बच्चे को एनआरसी केन्द्र रतलाम में भर्ती कराया गया, जहां उसको स्वास्थ्य वर्धक दवाईयां तथा संतुलित पोषण आहार मिला, इससे लखन अब स्वस्थ हो गया और उसका वजन भी बढ गया है और चेहरे पर चमक भी आ गई है।
इसी प्रकार रतलाम ग्रामीण क्षेत्र के ग्रामा कुआँझागर की रहने वाली आशा का पांच वर्षीय बेटा भी जन्म से कमजोर था। गांव की आंगनवाडी कार्यकर्ता द्वारा शिवम की तंदरुस्ती के लिए नियमित भेंट की गई। उसके परिजनों का कार्यकर्ता द्वारा नियमित रुप से उचित आचार-विचार की सलाह दी गई। इसके साथ ही परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति के दृष्टिगत शिवम को रतलाम एनआरसी केन्द्र में 15 दिन तक भर्ती रखा गया जहां उचित देखभाल, उचित पोषण आहार तथा दवाईयों से शिवम स्वस्थ हो गया, उसका वजन बढ गया। परिवार की चिन्ता भी दूर हुई। अब लखन और शिवम की माताएं मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान को धन्यवाद देती हैं। उल्लेखनीय है कि एनआरसी याने न्यूट्रीशन रिहेबिलि्ोटेशन सेन्टर जिला चिकित्सालय के अलावा उपस्वास्थ्य केन्द्रों पर बनाया गया एक विशेष वार्ड है जहां कुपोषित बच्चों को स्वस्थ करने के लिए भर्ती रखा जाता है। बच्चे के साथ उसकी माता भी रहती है, उचित देखभाल, पौष्टिक आहार तथा दवाईयों से बच्चे को स्वस्थता की ओर लाया जाता है।